सोमवार को दिल्ली से पकडे गए आतंकी मोहम्मद अशरफ बहुत शातिर आतंकी था। जिसका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से था। वो पाकिस्तान के इशारे पर दिल्ली में काम को अंजाम दे रहा था। वह इतना शातिर था कि मौलवी बनकर वह युवाओं को बरगलाता था और जिहाद करने के लिए प्रेरित करता था, लेकिन दिल्ली की स्पेशल सेल अब आतंकी के पूरे गिरोह को निस्तानाभूत करने की कोशिश में है आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान के गिरफ्तार आतंकी मो. अशरफ का साथ देने के आरोप में शास्त्री पार्क से एक मौलवी को उठाया है। मौलवी को बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही था।
वह पाकिस्तान आतंकी मोहम्मद अशरफ उर्फ अली अहमद नूरी के साथ घूमता था और कई कामों में उसकी सहायता करता था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि मौलवी मो.अशरफ की किस तरह सहायता करता था। क्या वह भी किसी वारदात में शामिल रहा है। स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों ने मौलवी को पूछताछ में हिरासत में लेने की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी पूछताछ की जा रही है।
आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि यह दरिंदा आतंकी मो. अशरफ ने अन्य आतंकियों के साथ हैदरपुरा, श्रीनगर में सेना के छह जवानों का गला रेत कर उन्हें जिंदा जला दिया था। इसके साथ दिल्ली हाईकोर्ट बम धमाकों का आरोपी गुलाम सरबर भी था। इसने अन्य साथियों के साथ वहां से गुजर रही सेना की तीन जिप्सियों में से पिछले वाली जिप्सी पर बस्ट फायर किया था। इससे छह जवान घायल हो गए थे। इसके साथियों ने जवानों का गला रेत दिया था और फिर उनको पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। दिल्ली पुलिस ने जब मिलिट्री इंटेलीजेंस(आईएम) से इस घटना के बारे में पूछा तो आईएम ने इस तरह की जून, 2013 में इस तरह की घटना होने की पुष्टि की है।
आतंकी मो. अशरफ ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने जम्मू कश्मीर में छह से ज्यादा आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। हर बार वह हैंडलर नासिर के कहने पर जम्मू कश्मीर गया। उसने उद्यमपुर, जम्मू में वारदात के लिए रैकी की थी। इसके बाद वहां हथियार ले जाकर आतंकियों को दिए थे। कई बार इसे जम्मू जाने के लिए गाड़ी उपलब्ध करवाई जाती थी। मौलाना की ड्रेस में होने के कारण कोई कुछ कहता नहीं था। जुलाई, 2010 में बारामूला में आतंकी हमले के लिए इसने अन्य आतंकियों के लिए हथियार पहुंचाए थे।