वो 2013 का वर्ष था जब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिंदू मुस्लिम दंगे हुए थे. हमारा मीडिया जिन्हें समुदाय विशेष कहता है, उसी समुदाय विशेष(मुस्लिम) समुदाय के लोगों ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में सचिन व गौरव नामक दो हिंदू युवकों(जाट) को पीट पीट कर मार डाला था. इसके बाद भी कई जगह हिंसक उन्मादी भीड़ ने लोगों को निशाना बनाया था तथा कई लोगों की जान ले ली थी.
आज भी उस समय को लेकर लोग सिहर उठते हैं. उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. अब जब 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले समाजवादी पार्टी ने हिंदुओं(जाटों) के जख्मों को फिर से कुरेद दिया है. अखिलेश यादव के करीबी समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगों के वक्त वेस्ट यूपी के लोग हमारे (समाजवादी पार्टी) साथ नहीं आए और बीजेपी के साथ गए.
बाद में जाट समाज के लोगों ने स्टेज पर एक मौलाना का पैर छूकर माफी मांगी और कहा कि हमसे गलती हो गई. अबू आजमी के इस बयान पर इस बीजेपी ने समाजवादी पार्टी की आलोचना की है. जाटों पर अबू आसिम आजमी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए बीजेपी यूपी के चीफ स्वतंत्र देव सिंह ने ट्विटर पर लिखा- जाट समाज के प्रति समाजवादी पार्टी की यह सोच निंदनीय है…जाट समाज ने खेल हो या बॉर्डर हो, हमेशा भारत माता का शीश गर्व से ऊंचा किया है और यदि कभी अपना शीश झुकाया है तो सिर्फ भारत माता के चरणों में ही झुकाया है.