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समझिए 'सिम स्वैप' फ्रॉड आखिर है क्या?

सिम के पीछे लिखा हुआ 20 अंकों वाला सिम नंबर किसी के भी साथ शेयर न कीजिए. ध्यान रखें आपकी कंपनी कभी सिम नंबर नहीं पूछेगी.

Abhishek Lohia
  • Dec 8 2020 10:25PM

मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. फेक नंबर से कॉल आना, SMS से लिंक भेजना, फ्रॉड के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. 'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा चुरा लिया जाता है. आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पाते लेकिन, खाता साफ हो चुका होता है. आपकी सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना सकती है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है. 

क्या है 'सिम स्वैप'?

सिम स्वैप के जरिए फ्रॉड करने के कई तरीके हैं. जैसा नाम से ही समझा जा सकता है कि सिम स्वैप का मतलब आपके फोन के सिम का इस्तेमाल करना. सिम कार्ड में यूजर का डाटा स्टोर होता है. सिम यूजर की ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो, आपके पास जो भी सिम है, वह अचानक बंद हो जाता है. आपके नाम से जो भी सिम है, उस सिम को हैकर स्वैप कर लेते हैं. फिर स्वैप किए गए सिम को क्लोन करके उसका नकली (डुप्लीकेट सिम) बनाया जाता है. अब वही नंबर को हैकर अपने नाम से शुरू करता है. फिर हैकर आपके सभी बैंकों के OTP को जेनरेट करके उसका गलत फायदा उठता है. OTP की मदद से अकाउंट से चंद मिनटों में पैसे निकाले जाते हैं.

कैसे शुरू होती है धोखाधड़ी?

सिम स्वैप फ्रॉड का सबसे आसान तरीका है. यह एक कॉल के जरिए शुरू होता है. आपके नंबर पर एक कॉल आएगी, जिसमें टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर हैकर आपको कॉल करेगा. इस कॉल पर आपको नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए फोन नंबर ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही कुछ प्लान और ऑफर बताए जाएंगे. कॉलर आपसे नेटवर्क सुधारने के लिए आपसे सिम के पीछे प्रिंट 20 डिजिट वाला नंबर पूछता है. हैंकर्स को जैसे ही आप 20 डिजिट वाला नंबर बताएंगे तो आपसे 1 दबाने को कहेगा. यह सिम स्वैप करने की सहमति के लिए होता है. टेलीकॉम कंपनी आपकी इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेगी. इस तरह आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और दूसरा यानी स्वैप किया गया सिम एक्टिवेट हो जाएगा. 

OTP के लिए होता है सिम स्वैप

सिम स्वैप करने वाले हैकर के पास आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स होती हैं या फिर आपका डेबिट कार्ड का नंबर होता है. बस जरूरत होती है तो ओटीपी की, सिम स्वैपिंग की मदद से उसे ओटीपी भी मिल जाएगा. इसके बाद चंद मिनटों में आपके अकाउंट से सारे पैसे ट्रांसफर कर लिए जाएंगे.

सिम स्वैप फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?

सिम स्वैप फ्राड से बचने के लिए 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
1. अगर आपका नंबर कुछ घंटों के लिए अचानक काम करना बंद कर दे, तो तुरंत अपने ऑपरेटर से इसका कारण पता कीजिए.
2. सिम के पीछे लिखा हुआ 20 अंकों वाला सिम नंबर किसी के भी साथ शेयर न कीजिए. ध्यान रखें आपकी कंपनी कभी सिम नंबर नहीं पूछेगी.
3. जिस मोबाइल नंबर से आपके बैंक और दूसरे खाते लिंक हैं, उसे कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिस्प्ले न करें.
4. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
5. अगर किसी अनजाने ई-मेल या फोन कॉल में आपके अकाउंट या मोबाइल नंबर की डीटेल्स मांगी जाएं तो कभी शेयर न करें.

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