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UP की कई विधानसभाओं में वोटर बन गए रोहिंग्या, मस्जिदों से बना लिया विशेष कनेक्शन ... क्या जिहादी संक्रमण की गिरफ्त में आ रहा UP?

ये रोहिंग्या फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में बस रहे हैं

Abhay Pratap
  • Jun 13 2021 3:29PM

क्या उत्तर प्रदेश जिहादी संक्रमण की गिरफ्त में आ रहा है? एसवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश रोहिंग्याओं का बड़ा ठिकाना बनता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश में कई रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी भी हुई है. हाल ही में UP ATS ने गाजियाबाद जिले से दो Rohingya घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था. इनमें से एक का नाम आमिर हुसैन तो दूसरे का नाम नूर आलम है. यूपी एटीएस इन दोनों को 5 दिनों की रिमांड लेकर लखनऊ ले आई जहां पूछताछ के दौरान इन दोनों रोहिंग्याओं ने सनसनीखेज खुलासे किए है. इसके बाद यूपी ATS द्वारा अलग अलग जगहों से 11 रोहिंग्या गिरफ्तार किये गए हैं.

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये रोहिंग्या फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में बस रहे हैं. गाजियाबाद से गिरफ्तार नूर आलम रोहिंग्या को भारत में अवैध रूप से बसाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड है. यूपी एटीएस ने अब तक नूर समेत 11 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. ये सभी पड़ोसी मुल्कों में रोहिंग्याओं के साथ हो रही ज्यादती के बारे में मस्जिदों में तकरीर भी देते थे.

ADG लॉ & आर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक रोहिंग्या इस समय हर विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर पाना इस वजह से मुश्किल होता है क्योंकि इनके पास आधार कार्ड और वोटर कार्ड मौजूद रहते हैं. वह आम जनता में घुल-मिल जाते हैं और चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं. इसके लिए इनको अच्छी खासी रकम भी दी जाती है. एटीएस ने इसी साल 6 जनवरी को संत कबीर नगर जिले के समर्थन गांव में बसे रोहिंग्या अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद 28 फरवरी को अलीगढ़ के कमेला रोड पर रहे मोहम्मद फारुख और हसन को पकड़ा था.

इसके बाद फारुख के भाई शाहिद को 1 मार्च को उन्नाव से दबोचा गया. इसके साथ ही साथ अन्य तार जोड़ते हुए शाहिद के बहनोई जुबेर के बारे में भी जानकारी मिली, लेकिन वह एटीएस के हाथ नहीं लगा.    शाहिद के पास से 5 लाख रुपये के साथ भारतीय नागरिकता से जुड़े कई दस्तावेज मिले थे, जो फर्जी तरीके से बनाए गए थे. इन सब से पूछताछ में बांग्लादेशी रिश्तेदारों की बात सामने निकल कर आई थी और बताया गया था यहां पर वो अपने रिश्तेदारों की मदद से रहने आए थे. जिसकी वजह से हजारों रोहिंग्या यहां आ गए हैं और स्थानीय निवासी बन गए हैं.

रोजगार के लिए ये प्रदेश के बूचड़खाने में काम करते हैं. अलीगढ़, आगरा, उन्नाव में स्लॉटर हाउस मौजूद हैं, यहां पर ये मोटा पैसा कमाते हैं. इनसे पैसा कमाने के एवज में दलाल इनसे कमीशन लेते हैं और इनको इस काम के लिए लगातार लाते रहते हैं. रोहिंग्या उत्तर प्रदेश के साथ देश को भी किस कदर संक्रमित कर रहे हैं, इसका उदाहरण CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सामने आया था जब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 31 जनवरी 2019 को देशभर में प्रदर्शन और हिंसा हुई, जिसमें रोहिंग्याओं की भूमिका सामने आई थी.

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