सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को आर्थिक सहयोग करे

Donation

सफलता की कहानी

कोरोना संक्रमण संकट काल में प्रगतिशील किसान नन्दलाल ने उत्तम खेती, मध्यम बान: निकृष्ट चाकरी, भीख निदान को चरितार्थ करते हुए पुश्तैनी व्यवसाय खेतीबाड़ी को आगे बढ़ाते हुए पारम्परिक खेती के स्वरूप को अपनाते हुए शिमला के नजदीक शोघी के थड़ी पंचायत के शलोेग गांव के प्रगतिशील किसान नंदलाल वैश्विक महामारी के चलते भी वर्तमान में अनेक प्रकार की फसलें व सब्जियां पैदा कर खेतीबाड़ी के माध्यम से गिरती हुई अर्थव्यवस्था में भी लोगों को सब्जी व फलों की उपलब्धता के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में सतत् रूप से सक्रिय है।

सुन्दर सिंह मेहता
  • Jun 7 2021 8:47PM
कोरोना संक्रमण संकट काल में प्रगतिशील किसान नन्दलाल ने उत्तम खेती, मध्यम बान: निकृष्ट चाकरी, भीख निदान को चरितार्थ करते हुए पुश्तैनी व्यवसाय खेतीबाड़ी को आगे बढ़ाते हुए पारम्परिक खेती के स्वरूप को अपनाते हुए शिमला के नजदीक शोघी के थड़ी पंचायत के शलोेग गांव के प्रगतिशील किसान नंदलाल वैश्विक महामारी के चलते भी वर्तमान में अनेक प्रकार की फसलें व सब्जियां पैदा कर खेतीबाड़ी के माध्यम से गिरती हुई अर्थव्यवस्था में भी लोगों को सब्जी व फलों की उपलब्धता के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में सतत् रूप से सक्रिय है।
 
नंदलाल वर्मा ने अपनी अथक मेहनत, प्रयत्न व परिश्रम से कृषि क्षेत्र में विभिन्न नकदी फसलों की उपज कर न सिर्फ एक ठोस आय अर्जित की है बल्कि अपने प्रयासों से अन्य कृषकों को खेतीबाड़ी के लिए प्रेरित करने के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी पैदा किए है। नंदलाल वर्मा बताते है कि उन्होंने पुश्तेनी खेतीबाड़ी को पारम्परिक खेती के तरीकों से इत्तर नई तकनीक को अपनाते हुए विभिन्न फसलों के उत्पादन की ओर अपने श्रम को अग्रसर किया। उन्होंने बताया कि इस निर्णय का मूल उद्देश्य साल में विभिन्न फसलों के माध्यम से निरन्तर आर्थिक मुनाफा अर्जित करना था।
 
उन्होंने कार्य को आगे बढ़ाते हुए नकदी फसलें उगाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से पाॅलिहाउस लगाया, जिसके लिए विभाग की ओर से 80 प्रतिशत उपदान दिया गया।
 
उन्होंने नकदी फसलें उगाने के लिए सिंचाई की आवश्यकता अनुरूप एक बड़े टैंक का निर्माण भी किया, जिसमें विभाग द्वारा 70 हजार रुपये का उपदान दिया गया। बड़े उन्मुक्त भाव से वो बताते है कि उनके पास लगभग 10 बीघे सिंचाई योग्य जमीन है, जिसमें वर्तमान में शिमला मिर्च, टमाटर, आलू, फूल गोभी की फसल लगा रखी है। साल में अलग-अलग प्रकार की फसलों को उगाने के फलस्वरूप सभी फसलों को बेच कर सालाना 6 लाख रुपये से अधिक की आमदनी नंदलाल अर्जित करते हैं।
 
नंदलाल वर्मा बताते है कि नकदी फसलों के अतिरिक्त खुमानी, आडू, पलम, नाशपती, स्ट्राॅबैरी, अंजीर, सेब के पौधे भी लगाए हैं, जिससे आमदनी आरम्भ हो चुकी है। वर्षा जल संग्रहण के तहत इनके द्वारा पानी एकत्र करने के लिए इन्होंने 50 हजार लीटर का एक बड़ा टैंक निर्मित किया है, 6 फुट गहरे इस टैंक के माध्यम से पौधों की सिंचाई की जाती है। इसके अतिरिक्त खेत में 35 फुट लम्बा एक अन्य पानी के टैंक का निर्माण भी सरकार की योजना के तहत किया गया है, जिससे खेतों को सिंचित करने की प्रक्रिया की जाती है।
 
नंदलाल वर्मा सहज भाव से बताते है कि उन्हें सब्जी व फलों को कोरोना संक्रमण संकटकाल में बेचने के लिए कहीं भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि जब शिमला मिर्च की पैदावार हुई तो खरीददार स्वयं खेत तक पहुंचे। आलू की फसल को लेने के लिए भी लोग खेतों में आने लगे। उन्होंने बताया कि कोरोना संकटकाल में भी खेती के कार्य ने उन्हें किसी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करने दिया। आज के दौर में भी वो बड़े हर्ष के साथ कहते है कि कृषि कार्य सच में हमारे समाज में सर्वोत्तम कार्य है और उत्तम खेती, मध्यम बान: निकृष्ट चाकरी, भीख निदान को खेती आज भी चरितार्थ करती है।  
कृषि विभाग के विषय विशेषज्ञ डाॅ0 के.के. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विभाग द्वारा किसानों के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अच्छी व गुणवत्ता युक्त फसल उगाने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ पॉलीहाउस व सिंचाई टैंक निर्माण तथा कृषि उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए भी उपदान प्रदान किया जाता है।
.0.

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार