उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर संजय निरुपम की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने उन्हें छः साल के लिए निष्कासित कर दिया है. बता दें कि संजय निरुपम को कांग्रेस ने बुधवार (3 अप्रैल) को पार्टी से निकाल दिया. उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है.
महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को ही पार्टी से निकालने का प्रस्ताव पास किया था. बता दें कि संजय निरुपम ने शिवसेना (अविभाजित) से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. संजय निरुपम ने साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था.
वहीं इससे पहले संजय निरुपम ने ट्वीट कर बागी तेवर दिखाते हुए बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि, गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही पार्टी मेरे लिए कागज-कलम और ऊर्जा बर्बाद ना करे. इसका इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए होना चाहिए. मैंने पार्टी को जो समय सीमा दी थी वह आज खत्म हो रही है. मैं कल अपने अगले कदम के बारे में बताऊंगा.
इससे पहले निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) के आगे दबाव में झुकना नहीं चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस को बर्बाद करने की अनुमति देने के समान है.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने कार्रवाई शुरू कर दी है और एक दो दिनों में फैसला ले लिया जाएगा. पटोले ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी. एमवीए की बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस सांगली, भिवंडी और मुंबई में कुछ सीट चाहती है. हम उन्हें हासिल करने के लिए काम करेंगे.’’