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मज़ाक सिर्फ बाबा रामदेव के कोरोना के खिलाफ प्रयासों का नही उड़ा था, रूस का भी उड़ा.. पर रूस का माजक विदेशियों ने उड़ाया

अमेरिका ने रूस की वैक्सीन का उड़ाया मजाक कहा इंसान तो दूर की बात बंदर पर भी ना करू वैक्सीन का प्रयोग

Sudarshan News
  • Aug 15 2020 7:23PM

जैसा कि सभी जानते है कि रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. दुनिया की पहली वैक्सीन बनाने के दावे के बाद रूस अब बाकी दुनिया को भी वैक्सीन बनाने में मदद करना चाहता है. रूस के अधिकारियों ने सीएनएन (CNN) को  बताया है कि उन्होंने कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर अमेरिका के ऑपरेशन वार्प स्पीड को सहयोग की पेशकश की है. ऑपरेशन वार्प स्पीड एजेंसी का गठन अमेरिका ने कोरोना के इलाज और कारगर वैक्सीन को लोगों तक जल्द पहुंचाने के लिए किया है. अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका ने रूस से मदद लेने से इंकार कर दिया है. 

हालांकि अमेरिका इस दावे को मानने के लिए तैयार नहीं है. एक खबर सामने आई है कि अमेरिका ने रूस की वैक्सीन Sputnik-V का मजाक उड़ाया है. और साथ साथ यह भी कहा कि वे इस वैक्सीन का प्रयोग बन्दर पर भी नहीं करेगा. इंसान तो दूर की बात है. बता दें कि सीएनएन के एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने रूस की वैक्सीन को आधा अधूरा माना है. इसलिए इसे कभी गंभीरता। से नहीं लिया गया है. 


वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कायले मैकनी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूसी वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई है. मेकनी ने कहा कि अमेरिकी वैक्सीन को तीसरे चरण के कठोर परीक्षण और उच्च मानकों से गुजरना होता है. वहीं, रूसी अधिकारियों ने कहा कि रूस कोरोना वायरस वैक्सीन से जुड़ी जानकारियों को अमेरिका के साथ साझा करने के लिए तैयार है. रूस ने यह भी कहा कि वह अमेरिकी दवा कंपनियों को अमेरिका में ही रूसी वैक्सीन को बनाने की भी अनुमति देने को तैयार है. रूस ने यह भी दावा किया कि कुछ अमेरिकी दवा कंपनियां रूसी वैक्सीन के बारे में जानने में रुचि रखती हैं. हालांकि उसने फर्मों के नामों का खुलासा नहीं किया. एक रूसी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए रूसी वैक्सीन को पाने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए.

रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अगर हमारी वैक्सीन सबसे कारगर साबित हुई तो अमेरिका पर सवाल उठेंगे कि उसने इस विकल्प पर गहराई से विचार क्यों नहीं किया. वैक्सीन पर राजनीति क्यों की गई?' 

अमेरिकी सरकार के सलाकर और वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अमेरिका ने अमेरिका ने रूस की कोरोना वैक्सीन का कोई सैंपल नहीं मांगा है. वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा कि रूस में अब इतनी बीमारी है कि वो आसानी से अपनी वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल कर सकते थे लेकिन उन्होंने बड़े पैमाने पर ये नहीं किया. अधिकारी ने आगे कहा कि 'वैक्सीन का कोई ट्रायल नहीं किया गया है. इस वैक्सीन पर उन्होंने बहुत कम काम किया है. और रूस ने वैक्सीन का ट्रायल बहुत कम इंसानों पर किया है और इससे ये पता नहीं चलता कि ये वैक्सीन बड़ी आबादी पर कारगर साबित होगी या नहीं. ये डेटा पूरी तरह से असुरक्षित और अपर्याप्त है.'

अमेरिकी सरकार के सलाहकार ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दौड़ में सबसे आगे चीन जीत के ज्यादा करीब है. वैक्सीन की टेस्टिंग को लेकर चीन ज्यादा गंभीर है और वो पूरी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रहा है. '

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