खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी रुचि सोया के शेयरों का कमाल जारी है. यह इस साल संभवत: सबसे बढ़िया प्रदर्शन वाला शेयर बन गया है. इस कंपनी की कहानी दिलचस्प है. एक समय यह दिवालिया हो गई थी. फिर इसे योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप ने खरीदा था. 27 जनवरी को रुचि सोया के शेयर स्टॉक एक्सचेंजों पर दोबारा सूचीबद्ध हुए. कंपनी के शेयरधारकों को 100:1 अनुपात में नए शेयर मिले. इसके बाद से कंपनी के शेयरों में लगातार अपर सर्किट लगता रहा है. बीते चार महीनों में कंपनी के शेयरों ने 3,300 फीसदी की छलांग लगाई है. इस दौरान कंपनी के शेयरों का भाव 16.9 रुपये से बढ़कर मंगलवार को 577 रुपये तक पहुंच गया. यदि आपने 27 जनवरी को इस शेयर में 10,000 रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू 3.3 लाख रुपये हो गई होती.
कंपनी का मार्केटकैप 17,070 करोड़ रुपये आंका जा रहा है. पहले इसका सर्वाधिक मार्केट कैप 4,232 करोड़ रुपये था. मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण अडानी एंटरप्राइजेज, गुजरात गैस, बाटा इंडिया, वोल्टाइस, ट्रेंट और टीवीएस मोटर्स से भी अधिक है. बीते साल एनसीएलटी में कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87 फीसदी हिस्सेदारी है. इसने कंपनी के 4,350 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाया था. निवेशकों की अन्य श्रेणियों के पास कंपनी के 33.4 लाख शेयर ही मौजूद हैं. गत दो हफ्तों से इसके औसतन 254 शेयरों की खरीद-फरोख्त हो रही है. 27 जनवरी के बाद से 70 कारोबारी सत्र हुए हैं. हर सत्र में इस शेयर ने अपर सर्किट लगाया है. इस दौरान कंपनी के 2.95 लाख शेयरों की खरीद-फरोख्त हो पाई है. कंपनी के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग ने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है.
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ रिसर्च विश्लेषक विकास जैन ने कहा, "रुचि सोया में छोटे आधार के चलते लगातार तेजी आई है. मगर हालात कभी भी बदल सकते हैं. यह इसी रफ्तार से नीचे भी आ सकता है. निवेशकों को मौजूदा भावों पर आंशिक रूप से मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए." कंपनी के पास महाकोष और रुचि गोल्ड जैसे बड़े ब्रांड हैं. 31 दिसंबर 2019 को खत्म हुई तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 24 गुना बढ़कर 151 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 6.29 करोड़ रुपये था. कंपनी की रेवेन्यू भी 7 फीसदी बढ़कर 3,474 करोड़ रुपये से 3,713 करोड़ रुपये हो गया.