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RBI ने रेपो रेट 0.4% घटाकर 4 फीसदी किया, GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संकटकाल से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है लेकिन संयुक्त प्रयासों से इस स्थिति से देश उबर सकता है. हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी. आने वाले समय में देश में महंगाई को कम बनाए रखना एक चुनौती होगी.​​​​​​​

Abhishek Lohia
  • May 22 2020 11:17AM

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिदांस दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.उन्होंने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने अपनी तीन दिन की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला किया है. ये कटौती 0.4 फीसदी की होगी और इस तरह रेपो रेट घटकर 4 फीसदी पर आ गया है जो कि पहले 4.4 फीसदी था.

शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी की बैठक 3 से 5 जून को होनी थी लेकिन इसे पहले ही कर लिया गया है और 20-22 मई के दौरान की गई बैठक में अधिकांश सदस्य रेपो रेट घटाने के पक्ष में थे. 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में मत दिया. इसके अलावा एमपीसी की बैठक के फैसले के बाद रिवर्स रेपो रेट भी घटकर 3.75 फीसदी से कम होकर 3.35 फीसदी पर आ गया है.

रेपो रेट घटाने से बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज पर कर्ज मिल सकेंगे और इसका फायदा बैंक अपने ग्राहकों को देंगे जिसके बाद ग्राहकों की ईएमआई कम हो सकती है.

बैंकों के मोराटोरियम (ऋण स्थगन) को 3 महीने के लिए बढ़ाया

आरबीआई ने बैंकों के लोन मोराटोरियम को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया है और अब इसकी अवधि 31 अगस्त तक कर दी गई है. यानी ग्राहकों को तीन महीने के लिए अपने लोन की ईएमआई और टालने की सुविधा मिल गई हैं. हालांकि ये खबर बैंकों के लिए थोड़ी निराशाजनक है क्योंकि इसके जरिए उन्हें ग्राहकों को और तीन महीने के लिए लोन की ईएमआई टालने का विकल्प देना होगा. ग्राहकों को पहले मार्च से मई यानी 3 महीने के लिए ये सुविधा मिली थी लेकिन अब इसे अगस्त तक बढ़ाया गया है यानी अगर आप लोन की ईएमआई नहीं देंगे तो आपका लोन डिफॉल्ट केटेगरी में नहीं आएगा.

अन्य एलान
सिडबी को 15000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है. वहीं एक्सपोर्ट क्रेडिट का समय भी बढ़ाया जा रहा है और इसे 12 महीने से बढ़ाकर 15 महीने किया जा रहा है.

कोरोना से अर्थव्यवस्था को नुकसान
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संकटकाल से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है लेकिन संयुक्त प्रयासों से इस स्थिति से देश उबर सकता है. हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी. आने वाले समय में देश में महंगाई को कम बनाए रखना एक चुनौती होगी.

सीमेंट उत्पादन में गिरावट आई
पिछले कुछ समय में सीमेंट उत्पादन में गिरावट आई है और देश के 6 बड़े राज्यों में औद्योगिक उत्पादन में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

खेती को लेकर अच्छी खबर
खेती को लेकर इस साल अच्छी खबर आई है और अनाज उत्पादन 3.7 फीसदी बढ़ा है. इस साल अच्छे मानसून की उम्मीद है और इससे अनाज उत्पादन में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

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