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डेरा 'प्रमुख' को अब सिर्फ 'सलाखों' का ही 'सुख',राम रहीम सहित 5 अन्य लोग दोषी करार

रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है और कोर्ट सभी दोषियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाएगी.

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 8 2021 1:13PM

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। 2 साध्वी और एक पत्रकार की हत्या के मामले में पहले से ही सलाखों के पीछे मौजूद राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है।  राम रहीम के साथ-साथ अब 5 अन्य लोगो को भी दोषी करार कर दिया गया है। 

बता दें कि 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को अंतिम सुनवाई हुई थी। सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस चली, इसके बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया।

19 साल पुराना है मामला 

इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया। अदालत ने इस मामले में पहले फैसला  26 अगस्त को सुनाना था। अभियोजन पक्ष के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया। 

2002 में हुई थी रणजीत सिंह की हत्या

डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह (Ranjeet Singh) की हत्या 10 जुलाई 2002 को हुई थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी.

रणजीत सिंह के पिता पुलिस जांच से असंतुष्ट थे और उन्होंने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. हाई कोर्ट से आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों पर केस दर्ज किया था. साल 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे.

2003 में की गई थी सीबीआई जांच की मांग

10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों पर केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर  चार्ज फ्रेम किए थे।

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में पहले ही 20 साल की सजा हो चुकी है और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में वह उम्रकैद की सजा सुनारिया जेल में काट रहा है। राम रहीम को इससे पहले सीबीआई जज रहे जगदीप सिंह ने सजा सुनाई थी।

जगदीप का इसी साल ट्रांसफर हो गया था। उनकी जगह चंडीगढ़ में सीबीआई जज रहे डॉ. सुशील गर्ग को पंचकूला सीबीआई विशेष अदालत में नियुक्त किया गया है।

2019 में कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा 

सुनरिया जेल में बंद हैं गुरमीत राम रहीम बता दें कि गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को अगस्त 2017 में सीबीआई की विशेष अदालत ने दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई थी. वहीं जनवरी 2019 में एक अदालत ने 16 साल पहले हुए एक पत्रकार के मर्डर के आरोप में राम रहीम और तीन अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. 

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