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राजस्थान सरकार मामले में आज हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

राजस्थान में अब कांग्रेस की ओर से राजभवन का घेराव नहीं किया जाएगा. पार्टी को डर है कि अगर ऐसा हुआ तो राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. यही कारण है कि इस फैसले को अभी रोक दिया गया है.

Abhishek Lohia
  • Jul 27 2020 8:05AM

राजस्थान में जारी सियासी दंगल अब चार मोर्चों पर लड़ा जा रहा है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जो जंग सत्ता को लेकर शुरू हुई थी, अब उसने कानूनी रूप ले लिया है और कई पार्टियां इसमें शामिल हो चुकी हैं. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के द्वारा उनके नोटिस पर लगाए गए स्टे पर सवाल खड़े किए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट में भी इस पूरे दंगल से जुड़ी एक सुनवाई होनी है.

राजस्थान में अब कांग्रेस की ओर से राजभवन का घेराव नहीं किया जाएगा. पार्टी को डर है कि अगर ऐसा हुआ तो राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. यही कारण है कि इस फैसले को अभी रोक दिया गया है.

सचिन पायलट गुट की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने बीते हफ्ते फैसला सुनाया था. जिसमें स्पीकर द्वारा दिए गए नोटिस पर स्टे लगा दिया गया, जिससे पायलट गुट को अयोग्य करार दिए जाने से राहत मिल गई. इसी मामले पर स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसपर अब सुनवाई होगी. सर्वोच्च अदालत में स्पीकर और कोर्ट के अधिकार पर मंथन हो सकता है.

फिलहाल तो राजस्थान की इस सियासी जंग में बहुजन समाज पार्टी की धमाकेदार एंट्री हुई है. बसपा ने अपने उन 6 विधायकों के नाम व्हिप जारी किया है, जो कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं. दावा किया है कि वोटिंग में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें, अन्यथा उन्हें अयोग्य साबित किया जा सकता है. व्हिप से इतर हाईकोर्ट में याचिका डालकर 10th शेड्यूल के मसले को उठाया गया है, जिसपर सोमवार को ही सुनवाई होनी है.

इससे पूर्व अशोक गहलोत की ओर से कई बार अपील की गई है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए, ताकि सरकार बहुमत साबित कर सके. हालांकि, राज्यपाल ने अभी कोरोना वायरस का हवाला दिया है. इसको लेकर कांग्रेस विधायक राजभवन में धरने पर भी बैठे थे. साथ ही अशोक गहलोत से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था.

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