साल 2020, जब पूरा विश्व कोविड महामारी से जूझ रहा था तब भारत के वीर सपूत गलवान घाटी में कोविड के साथ-साथ जमीन हथियाने वाले चीन से भी दो दो हाथ कर रहे थे। गलवान में पहलवान बनने आये चीन को भी भारतीय वीरो ने बहुत क्षति पहुंचे थी, एक रिपोर्ट के अनुसार इस हिंसक झड़प में चीन के 40 जवान मारे गए थे। लेकिन इस पूरी झड़प ने भारत ने भी अपने 20 जवानो को खो दिया था, जिसको लेकर पूरे देश में चीन के खिला बहुत रोष, और अपने जवानो के लिए श्रद्धा थी।
आज उन्ही जवानो को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'महावीर चक्र' से सम्मानित किया। लद्दाख सेक्टर की गलवान घाटी में गत वर्ष चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है. उनके साथ ही गलवान में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले 20 अन्य भारतीय वीरों को भी नवाज़ा गया.
संतोष बाबू के साथ पांच अन्य सैनिकों को भी मरणोपरान्त वीर चक्र प्रदान किया गया, जिसमें नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, हवलदार तेजेंद्र सिंह, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को गलवान संघर्ष में दुश्मनों को खदेड़ने के लिए वीरता मेडल दिया गया है। वहीं 14 अन्य जवानो को सेना मैडल से सम्मानित किया गया।
क्या हुआ था ऑपरेशन Snow Leopard में
SNOW LEOPARD के दौरान गलवान घाटी (पूर्वी लद्दाख) में तैनात कमांडिंग ऑफिसर 16 BIHAR रेजिमेंट के कमांडर कर्नल संतोष बाबू को दुश्मन के सामने एक ऑब्जर्वेशन पोस्ट स्थापित करने का जिम्मा सौंपा गया था.
कर्नल संतोष बाबू ने बड़ी ही वीरता के साथ अपनी बटालियन की अगुवाई करते हुए दुश्मनों से लोहा लिया. दुश्मनों की तादाद अधिक थी. दुश्मन सैनिकों ने ऊंचाई से पत्थर बरसाने के साथ धारदार हथियारों का इस्तेमाल कर हमला किया था. गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद भी शातिर दुश्मन के हमले को रोकने के लिए कर्नल संतोष बाबू अंतिम सांस तक लड़ते रहे और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया. इस सर्वोच्च बलिदान के लिए कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है।