आज 2 अक्टूबर को जन सुराज दल बनने जा रहा है. बता दें कि जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी पार्टी का आधिकारिक रूप से ऐलान करने वाले हैं. वहीं इसको लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि 'शारीरिक और मानसिक रूप से' स्वस्थ नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने के लिए बिहार में भारतीय जनता पार्टी का वही हश्र होगा, जो लालू प्रसाद को 'जंगल राज' लागू करने में मदद के लिए कांग्रेस का हुआ था.
उन्होंने कहा कि बिहार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है. पीके ने दावा किया कि लोग दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों को उखाड़ फेंकेंगे, जिन्होंने 30 साल से अधिक समय तक राज्य को सबसे गरीब और पिछड़ा बना कर रखा है, ताकि उनकी पार्टी को 243 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल सके.
सीएम पद के चेहरे को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह उन पार्टी के नेताओं को तय करना है. उन्होंने कहा, अगर उन्हें लगता है कि उनका चुनाव लड़ना अच्छा होगा, तो वह लड़ेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए बिहार को परेशानी में डाल दिया है क्योंकि उसे केंद्र में सत्ता के लिए जेडीयू सांसदों के समर्थन की जरूरत है.
उन्होंने दावा किया कि हर कोई जानता है कि नीतीश कुमार अपनी राजनीति के आखिरी दौर में हैं और अब उनके नाम पर चुनाव नहीं जीते जा सकते. उनके समर्थक भी जानते हैं कि उनकी वर्तमान शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक स्थिति में वह किसी भी तरह से बिहार जैसे राज्य को चलाने की स्थिति में नहीं हैं.
पीके ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है कि दिल्ली में अपनी सरकार कायम रखने के लिए उसे बिहार में नीतीश कुमार को सत्ता में बनाए रखना है. उन्होंने कहा, भाजपा को पता है कि अगर वह (नीतीश कुमार) सत्ता में रहे तो उसका गठबंधन हार जाएगा, लेकिन यह भाजपा की राजनीतिक मजबूरी है.