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'हिन्दू आस्था' को खत्म करने का 'रास्ता' तैयार कर रही राजस्थान सरकार, थानों के पूजा स्थलों पर लगाई रोक

पुलिस मुख्यालय ने थानों में पूजा स्थलों के निर्माण के लिए रोक लगा दी है , वहीं इस मुद्दे पर भाजपा का कहना है कि, इस तरह का आदेश जारी करना एडीजी के स्तर का काम नहीं हो सकता। ऐसा आदेश केवल सरकार ही दे सकती है। उन्होंने इस तुगलकी आदेश को वापस लेने की माँग करते हुए कहा कि हिंदू आस्था पर हमला किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 27 2021 1:05PM

राजस्थान में पुलिस मुख्यालय ने एक ऐसा आदेश पारित किया, जिसको देख कर, सुन कर सभी लोग हैरान रह गए। सभी प्रकार के धार्मिक विचारो को स्वीकार करने वाले भारत के संविधान की संरक्षक यानी पुलिस ही अपने विभाग के लिए ऐसे आदेश पारित करती है तो कही न कही ऐसे फैसलों में 'राजनीतिक' लोगो के भड़काने और खुद की राजनीती को चमकाने की बू जरूर आती है। 

दरअसल, राजस्थान में पुलिस मुख्यालय ने आदेश पारित किया गया कि पूरे प्रदेश में थानों पर मंदिरो या पूजा स्थल का निर्माण नहीं होगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को सभी एडीजी, आईजी, एसपी व पुलिस कमिश्नर के नाम से एक पत्र लिखा है। पुलिस आवास विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) ए. पोन्नूचामी ने यह आदेश जारी किया है। दरअसल, प्रदेश के सभी थानों में धार्मिक स्थल का निर्माण करवाया जा रहा है। अधिकांश निर्माण जन सहभागिता या फिर गांव के भामाशाह के सहयोग से बनाए जाते हैं

कानून के विरुद्ध है थाने में पूजा स्थल का निर्माण : पुलिस मुख्यालय 

पुलिस मुख्यालय ने आदेश में लिखा कि-"पिछले कई सालों में पुलिस विभाग के विभिन्न प्रकार के कार्यालय परिसरों व पुलिस थानों में आस्था के नाम पर जन सहभागिता से पूजा स्थलों के निर्माण करवाने में बढ़ोतरी हुई है, जो कि कानून के दायरे में नहीं है। आदेशों में कहा गया है कि ‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ भी सार्वजनिक स्थानों के धार्मिक स्थान बनाने की इजाजत नहीं देता।"

ये कहा गया परिपत्र में

परिपत्र में कहा गया है कि विगत वर्षों में पुलिस विभाग के विभिन्न प्रकार के कार्यालयों/परिसरों और पुलिस थानों में आस्था के नाम पर जन सहभागिता से पूजा स्थल के निर्माण करने की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है, जो की विधि सम्मत नहीं है। राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954 सार्वजनिक स्थानों का धार्मिक उपयोग निषिद्ध करता है।

इसके अतिरिक्त पुलिस थानों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण हेतु निर्मित एवं अनुमोदित नक्शे में भी पूजा स्थल के निर्माण का कोई प्रावधान नहीं है। अतः अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारी कर्मचारी गण एवं अन्य इकाई प्रभारियों द्वारा राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954 का अक्षरश: पालन करवाया जाना सुनिश्चित करावे।

औचत्यहीन है राज्य सरकार का ये फैसला : भाजपा 

बीजेपी ने यह की मांग इस पत्र के जारी होने के बाद से पुलिस में भी इसकी खासी चर्चा हो रही है। उधर, भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया ने कहा है कि प्रदेश के पुलिस विभाग के कार्यालय परिसर और पुलिस थानों में पूजा स्थल के निर्माण पर रोक लगाने का राज्य सरकार का आदेश औचित्यहीन है, इसकी आवश्यकता नहीं थी।

उन्होंने आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि परंपरागत रूप से आजादी से पहले से ही थानों में पूजा स्थल स्थापित होते आए हैं। इससे पुलिस थानों में सुखद और आध्यात्मिक वातावरण बना रहता है।

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