प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानो के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मलेन में पीएम ने किसानो से बातचीत की और उन्हें संबोधित करते हुए जैविक खेती और खेती के अलग अलग प्रकार के तरीको के फायदे भी बताये। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कई बड़ी बाते की, साथ ही उन्होंने कहा कि जहा शोषण होता है वहां पोषण पनप नहीं पाता।
प्रधानमंत्री बोले खेती के अन्य विकल्पों पर भी देना होगा विचार
नेचुरल फार्मिंग का जिक्र करके हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये सही है कि केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया है. लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा.
बीज से लेकर मिट्टी तक सबका इलाज आप प्राकृतिक तरीके से कर सकते हैं. प्राकृतिक खेती खेती में न तो खाद पर खर्च करना है और ना ही कीटनाशक पर. इसमें सिंचाई की आवश्यकता भी कम होती है और बाढ़-सूखे से निपटने में ये सक्षम होती है.
सरकार का उद्देश्य है किसानो की आय बढ़ाना
पीएम मोदी ने कहा कि खेती के साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन और सौर ऊर्जा, बायो फ्यूल जैसे आय के अनेक वैकल्पिक साधनों से किसानों को निरंतर जोड़ा जा रहा है. गांवों में भंडारण, कोल्ड चैन और फूड प्रोसेसिंग को बल देने के लिए लाखों करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
बीज से लेकर बाज़ार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं. मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक हमारी सरकार ने काम किया है. पीएम मोदी ने ये भी कहा, 'किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी करने तक और सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक हमारी सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं.'