दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगों के मामले की जाँच को आगे बढ़ाते हुए देवांगना कलिता के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। वह पिंजड़ा तोड़ की दूसरी ऐसी सदस्य है जिसके खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई की गई है। जेएनयू की छात्रा और फार-लेफ्ट ग्रुप पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता पर दिल्ली के कुछ हिस्सों में दंगे भड़काने की सोची-समझी साजिश और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आतंकवाद विरोधी आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसके वकील ने बताया कि उस पर देशद्रोह, हत्या के प्रयास, हत्या, आपराधिक साजिश और धर्म, नस्ल, जन्मस्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
देवांगना कालिता के खिलाफ ये चौथी FIR है. इससे पहले की दो FIR फरवरी के एंटी-CAA प्रदर्शन के मामले में हुई थीं. एक FIR एंटी-CAA प्रदर्शन के दौरान दिसंबर में दरियागंज इलाके में हुई हिंसा मामले में है. पिंजरा तोड़ ने अपने बयान में देवांगना पर UAPA लगाए जाने की निंदा की है. पिंजरा तोड़ ने कहा कि कालिता के खिलाफ हर नई FIR में गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं.
अब देवांगना को FIR 59/20 में चार्ज किया गया है, जिसमें उमर खालिद, इशरत जहां, खालिद सैफी, सफूरा जरगर, गुलफिशा, नताशा और अन्य के नाम हैं. इन सब पर दिल्ली में दंगा कराने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया गया है. इन एक्टिविस्ट समेत और कई लोग पहले ही महीनों जेल में रह चुके हैं और लिस्ट में नए नाम जुड़ते जा रहे हैं.
दोनों एक्टिविस्ट को जाफराबाद प्रदर्शन में कथित भूमिका के लिए 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. दोनों को अगले ही दिन जमानत मिल गई थी. हालांकि कुछ ही मिनटों बाद दोनों महिलाओं को हत्या की कोशिश, दंगा करने और आपराधिक साजिश के आरोप में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 29 मई को नताशा नरवाल के खिलाफ भी UAPA लगा दिया था.