पतंजलि की तरफ से मंगलवार को दावा किया गया कि उन्होंने कोरोना से निजात दिलाने वाली एक दवा की खोज कर ली है. वहीं आयुष मंत्रालय ने मीडिया की खबर के आधार पर इस मामले को संज्ञान में लिया है.
मंत्रालय का कहना है कि कंपनी की तरफ से जो दावा किया गया है उसके फैक्ट और साइंटिफिक स्टडी को लेकर मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं पहुंची है. इस पर पंतजलि के योगगुरु रामदेव ने कहा कि हमने मंजूरी लेकर ही क्लीनिकल ट्रायल किया है.
योगगुरु रामदेव ने कहा कि इतना बड़ा काम किया गया है कि इतने सवाल तो होने ही हैं. सबका जवाब दे दिया गया है. ये जो सरकार है आयुर्वेद विरोधी सरकार नहीं है. मंजूरी मिलने के बाद ही आगे बढ़े. रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया है. हमने 100 फीसदी क्लीनिकल ट्रालय के लिए जो सरकार द्वारा निर्धारित हैं उन मापदंडों का पालन किया है. जो अप्रूलवल लेना चाहिए था उसे लिया. मुझे लगता है कि थोड़ा कम्यूनिकेशन गैप थो वो अब खत्म हो गया है. अब इसमें कोई विवाद नहीं है. आचार्य रामकृष्ण ने ट्वीट करके भी यही बात दोहराई.
https://twitter.com/Ach_Balkrishna/status/1275443111213162496
रामदेव ने कहा कि हमें विज्ञापन करने की जरूरत नहीं है. इस समय लाखों लोग ये दवा मांग रहे हैं. हमारी विज्ञापन करने की कोई मंशा नहीं है. जो क्लीनिकल कंट्रोल के नतीजे है हमने उसकी घोषणा की. हमने खुद भी नीम्स के डॉक्टरों से पूछा है. सब जगह प्रकाशित हुआ. 280 मरीजों का डेटा हमारे पास है.
https://twitter.com/PTI_News/status/1275410343993290752
बाबा रामदेवा का दावा है कि दवाओं के ट्रायल के दौरान तीन दिन के अंदर 69 पर्सेंट रोगी नेगेटिव हो गए. इसके अलावा ट्रायल के दौरान सात दिन में 100 फीसदी मरीज नेगेटिव हो गए. कोरोनिल को बनाने का बाद बाबा ये भी कहते हैं कि लोग इस बात से जलेंगे कि किसी संन्यासी ने कोरोना की दवा बना ली है.