22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस्लामी आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. निर्दोष हिंदुओं पर किए गए इस कायराना हमले के बाद देशभर में गुस्सा फूट पड़ा. भारत ने इस हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक के बाद एक निर्णायक कदम उठाए. अब भारतीय सेना ने इस्लामी आतंक के आकाओं को उनके घर में घुसकर करारा जवाब दिया है. बताया जा रहा है कि सीमापार चल रहे आतंकी ठिकानों पर सटीक और जबरदस्त कार्रवाई कर भारत ने साफ कर दिया है. अब चुप नहीं बैठेंगे.
इसी बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है. नेपाल ने भी भारत के पक्ष में खुलकर समर्थन जताया है. (8 मई 2025) को नेपाल सरकार ने पत्र लिखकर आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुटता दिखाई है. नेपाल ने स्पष्ट किया है कि वह हर हाल में भारत के साथ खड़ा है. नेपाल ने पत्र में लिखा है कि भारत के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बहुत चिंतित है, जिसमें एक नेपाली नागरिक ने भी अपनी कीमती जान गंवा दी थी. इस दुखद अवधि के दौरान, नेपाल और भारत एकजुटता में खड़े थे, साझा दुख और पीड़ा में एकजुट थे.
यह याद किया जा सकता है कि नेपाल ने सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ अपने दृढ़ रुख के अनुरूप बर्बर आतंकवादी हमले की तुरंत और स्पष्ट रूप से निंदा की थी. नेपाल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है. अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, नेपाल किसी भी विरोधी ताकतों को अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा.
जहां एक ओर भारत पाकिस्तान जैसे आतंक के निर्यातक देश से सीधे युद्ध की स्थिति में है. वहीं दूसरी ओर देश के अंदर छिपे कुछ गद्दार भी इस लड़ाई में दुश्मनों की भाषा बोलते नजर आ रहे हैं. लेकिन अब भारत ने ठान लिया है दुश्मन बाहर का हो या भीतर का, कोई नहीं बचेगा. बता दें कि पाकिस्तान को तुर्की जैसे कट्टर इस्लामी देशों का समर्थन मिल रहा है.
वहीं भारत के पक्ष में एक सशक्त और गौरवपूर्ण आवाज़ उठी है. बताते चले कि हिंदू राष्ट्र नेपाल ने खुलकर भारत का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक युद्ध में साथ खड़े होने की घोषणा की है. वहीं, कुछ महीने पहले तक नेपाल चीन की चालबाजियों और दबाव में जकड़ा हुआ था. लेकिन अब वह भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. यह सिर्फ कूटनीतिक सफलता नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते पराक्रम और हिंदुत्व की विचारधारा की एक बड़ी जीत है.