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फ्रांस के गिरिजा 'घर'(चर्च) बने बच्चो के लिए 'डर', पिछले 70 सालो में करीब 3.30 लाख बच्चो का हुआ यौन शोषण

स्वतंत्र आयोग ने 2500 पन्नों का यह दस्तावेज तैयार किया है क्योंकि फ्रांस और अन्य देशों में भी कैथोलिक चर्च के भीतर इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को लंबे समय तक छिपाया गया।

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 6 2021 9:30AM

मशहूर अमेरिकी लेखक आइवेन डोएग की एक पंक्ति है – 'Childhood is the one story that stands by itself in every soul' (बचपन इकलौती ऐसी कहानी है जो हमेशा हमारी आत्मा में कायम रहती है)

अर्थात बचपन हमारे व्यक्तित्व की नींव रखता है. ये कुछ-कुछ कच्ची मिट्टी की तरह होता है. इसे आकार देने का ज़िम्मा परिवेश के ऊपर होता है. इसी परिवेश का एक अहम हिस्सा होते हैं, धार्मिक स्थल. उनमें लोगों की आस्था होती है. लोगों को हमेशा कुछ अच्छा पाने का भरोसा होता है. फ़्रांस में रोमन कैथोलिक चर्च ने लोगों की आस्था और उनके भरोसे को चकनाचूर कर दिया है. स्वतंत्र आयोग की जांच में जो कुछ पता चला है, वो दिल दहलाने वाला है. पिछले 70 सालों में कैथोलिक चर्च से जुड़े 3.30 लाख से अधिक  बच्चों का यौन शोषण किया. इनमें से अधिकांश आरोपी पादरी हैं.

दरसअल, एक स्वतंत्र आयोग द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रिपोर्ट जारी करने वाले आयोग के अध्यक्ष ज्यां मार्क सौवे ने कहा कि यह अनुमान वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है। इसमें पादरियों और चर्च से संबद्ध लोगों और अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पीड़न के मामले शामिल हैं। सौवे ने कहा कि उत्पीड़न के शिकार होने वालों में 80 प्रतिशत बालक थे जबकि बाकी अन्य बालिकाएं थीं।

अभी तक छिपा रहा अपराध

आयोग के अध्यक्ष ने कहा, 'इसके परिणाम बहुत गंभीर हैं। यौन उत्पीड़न का शिकार हुए करीब 60 प्रतिशत बच्चों और बच्चियों को बाद के जीवन में भावनात्मक और कई अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ा।' स्वतंत्र आयोग ने 2500 पन्नों का यह दस्तावेज तैयार किया है क्योंकि फ्रांस और अन्य देशों में भी कैथोलिक चर्च के भीतर इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को लंबे समय तक छिपाया गया।

ढाई साल की कड़ी मेहनत से तैयार हुई रिपोर्ट

सॉवे ने कहा कि पीड़ितों की कुल संख्या में अनुमानित ऐसे 2,16,000 लोग शामिल हैं, जो पादरियों और अन्य धार्मिक लोगों द्वारा यौन हिंसा का शिकार हुए. पीड़ित संघ ‘पार्लर एट रिविवर’ (स्पीक आउट एंड लिव अगेन) के प्रमुख ओलिवियर सैविग्नैक ने इस जांच में अपना योगदान दिया था. उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि यौन अपराधियों द्वारा प्रति पीड़ितों की उच्च दर का अनुपात फ्रांसीसी समाज और कैथोलिक चर्च के लिए भयानक है.

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