जो उत्तर प्रदेशके मुरादाबाद में हुआ था ठीक वही सब दोहरा दिया गया है राजस्थान में. यहाँ के टोंकजिले में. देश और दुनिया को बचा व् सम्भाल रहे डाक्टरों और पुलिस के साथ जिसप्रकार का व्यवहार किया गया वो एक बार फिर से न सिर्फ देशवासियों को आक्रोशित करगया बल्कि मानवता के नाम पर एक बड़ा धब्बा लगा गया. इस बार भी हमले का अंदाज़ ठीकमुरादाबाद Moradabadकी तरह रहा औरनिशाने पर जिसको लिया गया वो भी उसी तरह से थे. हमलावरों की सोच , इलाका , मोहल्लासब एक जैसे ही थे. उन्होंने उनको ही मारा जो अपनी जान हथेली पर रख कर उनको बचानेकि कोशिश कर रहे थे. ये भी एक मुस्लिम बहुल इलाका था टोंक जिले का. कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार के साथराज्य सरकारें भी मजबूती से खड़ीं हैं और इससे निपटने के लिए तमाम डॉक्टर्स, सपोर्टिंग स्टॉफ बगैर अपनी परवाह किए लगे हुएहैं.
लेकिन वामपंथी वर्गसे मिले समर्थन से दुस्साहसिक हो चुके वहीं समाज के कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें येहेल्थ वर्कर दुश्मन नजर आ रहे हैं। कोरोनाको लेकर देश में जारी लॉकडाउन के बीच हेल्थ वर्कस पर हमले के कुछ मामले सामने आएथे। इसी क्रम में अब राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ है, राज्य के टोंक जिले में पुलिस वालों पर हमले कीघटना सामने आई है बताया जा रहा है कि टोंक जारी कर्फ्यू के बीच कोरोना प्रभावितअल्पसंख्यक इलाकों में गश्त करने गई पुलिस पर लोगों ने अटैक किया है। वहां केनवाबगंज इलाके में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की एक टीम पर उस समय हमला किया गया जबवे इलाके में महामारी कोरोना वायरस के दो संदिग्ध लोगों को लेने गए थे। भीड़ नेएंबुलेंस और डॉक्टरों पर पथराव किया। स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने के लिए आई पुलिसवैन पर भी पथराव किया गया।
पुलिस इस क्षेत्रमें कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले लोगों को घरों में रहने के लिए बोल रही थी कि इसदौरान ये घटना सामने आई। पुलिस के साथ मारपीट की घटना की सूचना पर मौके पर भारीसंख्या में पुलिस बल को भेजा गया तो स्थिति काबू में आई। बताया जा रहा है कि ये हमला वहां के लोगों ने घेरकर किया और लाठी-डंडे और तलवार से का इसमें उपयोग किया गया जिसके चलते पुलिस केतीन सिपाही घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस ने कड़ीकार्यवाही करने की बात कही और हमला करने वाले लाक डाउन के बाद भी फरार होने कीफिराक में हैं .