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जिस गाज़ी को मार गिराया था हिंदवा सूर्य महाराजा सुहेलदेव ने ... सत्ता के लिए उसी की मजार पर ओवैसी के साथ चादर चढ़ा रहे ओमप्रकाश राजभर?

राजा सुहेलदेव ने अद्भुत पराक्रम के साथ सैयद सालार गाजी का मुकाबला करते हुए डेढ़ लाख सैनिकों के साथ उसकी कब्र खोद दी थी. लेकिन कमाल देखिए साहब कि उसी पराक्रमी राजा सुहेलदेव के नाम पर सियासत करने वाले राजभर को ओवैसी के सैयद सालार गाजी की दरगाह पर जाने से कोई आपत्ति नहीं है.

Abhay Pratap
  • Jul 9 2021 8:29PM

सत्ता की लालसा इंसान को कहाँ ले जा सकती है तथा इंसान किस तरह सिद्धांतों से समझौता कर सकता है. इसका सबसे बड़ा उदहारण सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर हैं. यूपी में सत्ता मिले इसके लिए राजभर ने उन ओवैसी के साथ मिलाया है जो यूपी को गाजी की धरती बता रहे हैं तथा हिंदवा सूर्य महाराज सुहेलदेव के सबसे बड़े दुश्मन गाज़ी सालार की दरगाह पर चादर चढ़ा रहे हैं.

जिस सैयद सालार गाजी ने अयोध्या का नामो निशान मिटाने के लिए हिन्दुस्तान पर आक्रमण किया था, उसकी दरगार पर चादर चढ़ाकर ओवैसी अपने यूपी मिशन का आगाज कर रहे हैं. ओवैसी की मंशा साफ है, उनपर गाजी बनने का भूत सवार है. सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर जियारत के साथ मिशन यूपी का आगाज करके उन्हें इसका खुला पैगाम भी दे दिया है. क्योंकि इसी सैयद सालार गाजी ने सन् 1034 में हिन्दुस्तान पर अपने डेढ़ लाख सैनिकों के साथ आक्रमण किया था.

उसकी मंशा अयोध्या और भगवान राम के वजूद को तहस-नहस करने की थी, लेकिन राजा सुहेलदेव ने अद्भुत पराक्रम के साथ सैयद सालार गाजी का मुकाबला करते हुए डेढ़ लाख सैनिकों के साथ उसकी कब्र खोद दी थी. लेकिन कमाल देखिए साहब कि उसी पराक्रमी राजा सुहेलदेव के नाम पर सियासत करने वाले राजभर को ओवैसी के सैयद सालार गाजी की दरगाह पर जाने से कोई आपत्ति नहीं है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गाजी आक्रमण कारी था वो भारत पर कब्जा करने आया इस समय सुहेल देव राजा था, ऐसे में उनकी गाजी से लड़ाई हुई.

लेकिन राजभर इस बात का जवाब न दे रहे कि उन्होंने ओवैसी को सैयद सालार गाजी की दरगाह पर जाने से क्यों नहीं रोका. ओवैसी को राजा सुहेलदेव की मूर्ति पर जाकर माल्यार्पण करने को क्यों नहीं कहा? बहराइच का नायक कौन है सैयद सालार गाजी या राजा सुहेलदेव? उत्तर प्रदेश राम-कृष्ण की धरती है या गाजियों की? ये सवाल इसलिए है क्योंकि ओवैसी ने बहराइच आने से पहले एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था आ रहा हूं गाजियों की सरजमीं. ओवैसी के इस ट्वीट से ओम प्रकाश राजभर को कोई दिक्कत नहीं है. यानी उन्होंने ये मान लिया है कि यूपी गाजियों की सरजमीं है.

आश्चर्य इस बात का है कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का नाम राजा सुहेलदेव के नाम पर है और वह गठबंधन ओवैसी से कर रहे हैं, तथा महाराज सुहेलदेव के सबसे बड़े दुश्मन के साथ खड़े हैं, आखिर क्यों? ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर के मजार पर जाने के कुछ देर बाद ही योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने दोनों को निशाने पर लिया. वाराणसी में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अनिल राजभर ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने बहराइच में सैयद सलार गाजी के मजार पर चादर चढ़ाकर राजभर समाज का अपमान किया है.

अनिल राजभर ने कहा कि यह सिर्फ एक समाज का ही अपमान नहीं है बल्कि हिंदुओं के साथ ही देश का अपमान है. उन्होंने कहा कि राजा सुहेलदेव ने हिंदू धर्म व देश को बचाने के लिए सैयद सलार गाजी से पांच लाख सेना के साथ युद्ध किया था. ऐसे लोगों की मजार पर चादर चढ़ाने वाले देशद्रोह जैसा कार्य कर रहे हैं. ऐसे देशद्रोही लोगों के साथ सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर हाथ में हाथ डालकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. ऐसे लोगों का चेहरा बेनकाब हो गया है. अब ये लोग राजभर बस्ती में नहीं घुस पाएंगे। समाज के लोगों ने ऐसे लोगों के लिए घरों के दरवाजे बंद कर दिए हैं.

अनिल राजभर ने कहा कि राजभर समाज राष्ट्र के साथ द्रोह करने वालों को कभी भी क्षमा नहीं करेगा. उनके सामने ऐसे लोगों का चेहरा बेनकाब हो गया है जो समाज की बातें कर राजनीतिक लाभ ले रहे हैं. उनका समाज के हित से कोई नाता नहीं रहा है. ओमप्रकाश राजभर जैसे लोगों को सिर्फ अपने हितों की ही चिंता रहती है. ऐसा नहीं होता तो वे ओवैसी जैसे नेताओं से हाथ नहीं मिलते। उन्हें तो राज सुख चाहिए और कुछ नहीं.

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