ये वो समय है जब देश और दुनिया के साथ जमा हो रही है कोरोनाके खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए और दुनिया के तमाम देश एक साथ एक जुट होते जारहे हैं लेकिन ठीक उसी समय भारत में कुछ ऐसे तत्व निकल कर सामने आ गये हैं जो किसीभी रूप में इस देश के हितचिन्तक तो नहीं साबित हो रहे हैं. लगातार पुलिस वालों औरडाक्टरों पर हमले अब तक उत्तर भारत में ही देखने और सुनने को मिले थे लेकिन अब ठीकयही हुआ है दक्षिण भारत में और कब्रिस्तान में एक शव को दफनाने गये मेडिकल स्टाफपर हमला किया गया जिनके प्राण किसी तरह से पुलिस ने बचाए और आख़िरकार शव को दूसरेकब्रिस्तान में ले जाया गया.
मिल रही जानकारी के अनुसार 55 वर्षीय डॉक्टर कीरविवार रात चेन्नई के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। सोमवार को डॉक्टर के शव कोदफनाने के लिए मेडिकल टीम कब्रिस्तान पहुंची तो यहां आसपास के लोग जमा हो गए।उन्होंने शव को दफनाए जाने का विरोध करना शुरू किया और अचानक ही पहले से तैयार लगरही एक भीड़ ने शोर मचाते हुए एंबुलेस में मौजूद मेडिकल स्टाफ पर पर भीषण हमला बोलदिया. हमले से डरे सहमे मेडिकल स्टाफ को जीवनदान देने के लिए वहां पुलिस आई और उसीके बाद में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और डॉक्टर के शव को दफनाया गया।
इस मामले में अब पुलिसकी ओर से 20लोगों के खिलाफ केसदर्ज किया गया है. पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन, हथियारसे हमला करने,सरकारी कर्मचारी कोड्यूटी से रोकने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दरअसल शनिवार को एक डाक्टरकी कोरोना से मौत हो गयी थी, जिसकेबाद उन्हें दफनाने के लिए कुछ लोग कब्रिस्तान गये थे, तो वहां पर 50 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. भीड़ने एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया। जब भीड़ पर वहां मौजूद पुलिस काबू नहीं पा पाई, तो उन्होंने डॉक्टर के परिजनों से अपीलकरते हुए शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में ले जाने के लिए कहा. जिसके बाद दूर किसीकब्रिस्तान में डॉक्टर के शव को दफनाया गया.