यह वहसमय है जब पूरा देश संतों की हत्या से त्राहि-त्राहि कर रहा है ठीक इसी समय भारतका कोना - कोना रामायण और महाभारत जैसे पवित्र व धार्मिक कार्यक्रमों को देख रहाहै और देश की सभ्यता व संस्कृति बचाने के लिए साधु संतों के योगदान को ठीक से समझभी रहा है . लेकिन ठीक उसी समय महाराष्ट्र के पालघर में जहां पर धर्मांतरण तेजी सेबढ़ा है दो हिंदू संत बुरी तरह घेर कर मार डाले जाते हैं और सीधे-सीधे इस पूरेमामले में पुलिस की संलिप्तता दिखाई देती है जहां भीड़ के बीच में पुलिस वाला साधुसे हाथ छुड़ा कर भाग जाता है. ये इलाका पालघर था जहाँ धर्मांतरण की घटनाए तेजी से बढ़ रही हैं.
ऐसे मौके पर हिन्दू हृदय सम्राट दिवंगत बाला साहब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे से कड़ी और बेहद सख्तकार्यवाही के अपेक्षा के साथ-साथ उम्मीदें भी जताई जा रही थी कि अब तक वह मौके परसाधु-संतों के शवों पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. साथ ही वहां से एक ऐसा सख्तसंदेश देंगे जो आगे किसी हिंदू साधु संत हिंदू धर्म प्रतीकों पर कोई कुकृत्य करने काहिम्मत ना कर सके. लेकिन यहां हुआ है ठीक उसका उल्टा सुदर्शन न्यूज़ में ना सिर्फ उद्धव ठाकरे के अधिकारिक अकाउंट बल्कि उनके बेटे आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के विभागीय ट्विटर हैंडल , DGP महाराष्ट्र पुलिस का ट्विटर हैंडल और यहांतक कि घटनास्थल क्षेत्र पालघर पुलिस का आधिकारिक अकाउंट सर्च कर डाला लेकिन कहीं भी एक छोटा साट्वीट भी उन संतों की निर्मम हत्या को लेकर नहीं किया गया. उन्हें व्यक्तिगत संवेदना देने जाना तो बहुत दूर की बात है.
इसकासीधा-सीधा अर्थ आम जनमानस यही निकाल रहा है उद्धव सरकार इस घटना को किसी भी रूपमें कोई बड़ी घटना मानने के लिए तैयार नहीं है . यहाँ तक कि इसके लिए वह अपना एक छोटा सा ट्वीटभी करना उचित समझ रहे. हिंदुओं की और हिंदुत्व की पार्टी कही जाने वाली शिवसेना केमुखिया का अचानक ही बदला यह स्वरूप हर किसी को हैरान कर देने वाला है. संतों कीनिर्मम हत्या सच में शिवसेना प्रमुख के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं है यह जो भी देख व् सुन रहा है वह खुद पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। फिलहाल सुदर्शन न्यूज़ लगातारन्याय की आवाज उठा रहा है और आगे भी तब तक उठाता रहेगा जब तक इस कृत्य में शामिल एकएक अपराधी कानूनी तौर पर अपने अंजाम को नहीं पहुंच जाता.