आतंकी संगठन हमास के खिलाफ चल रही जंग में हर रोज इजरायल के नागरिक अपने देश के प्रति देशभक्ति का पूरी दुनिया को अनूठा संदेश दे रहे हैं। पहले विपक्ष के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट सभी मतभेदों को खत्म कर सेना के साथ युद्ध में कूदे। अब उनके बाद सबसे उम्रदराज 95 वर्षीय बुढ़ऊ ने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है साथ में खुद भी हथियार लिए युद्ध के मैदान में शामिल है।
अगर बाक करें भारत की तो, बीते दिनों सेना में अग्निपथ योजना लागू की गई थी। जिसके विरोध में देश के ही कुछ तथाकथित लोगों ने सरकारी संपत्ति को जलाना शुरू कर दिया था। अपने आप को देशभक्त बताने वालों ने ही देश को जलाना शुरू कर दिया था। ऐसे गद्दारों को इजरायल से देशप्रेम सीखना चाहिए।
तन बूढ़ा लेकिन सोच जवान
यरूशलम के रहने वाले इजरायली डिफेंस फोर्स के सबसे उम्रदराज रिजर्विस्ट 95 साल के एजरा याचिन ने हमास के खिलाफ चल रही इजरायल की मौजूदा जंग में सैनिकों के संग बात कर के उनका मनोबल बढ़ाने के लिए रिजर्व में शामिल किया गया है। यहां ये बात गौर करने वाली है कि यरूशलम के दंगों और परेशान करने वाले हादसों से भरा एक मुश्किल बचपन जीने के बावजूद उन्होंने और उनके दोस्तों ने कभी हार नहीं मानी।
वो देश के लिए हमेशा सीना ताने डटे रहे और इजरायल को महान राष्ट्र बनाने में अहम योगदान दिया। उनका एक संदेश इजरायली सेना में जोश भरने के लिए काफी है। वो कहते हैं कि हिम्मत मत हारो, बस डटे रहे मोर्चे पर। अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर पत्रकार हनन्या नफ्ताली ने उनकी तस्वीर कैप्शन के साथ पोस्ट की है। आपको ये भी बता दें, कि इजरायल में युद्ध के दौरान 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को लिंग या जातीयता की परवाह किए बगैर सेना में सेवा देना जरूरी है। वहीं पुरुषों और महिलाओं दोनों को कम से कम 24 से 32 महीने तक सेना में सेवा देना जरूरी है।