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कृषि कानून पर बोले मोदी- हर अच्छे काम में अड़चनें आती ही हैं

पीएम मोदी ने इस दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का उदाहरण भी दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि नेक नीयत से काम किया जाए तो विरोध के बावजूद सफलता मिलती है.

Abhishek Lohia
  • Nov 30 2020 8:32PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी यात्रा के दौरान देव दीपावली के अवसर पर राजघाट पर दीप प्रज्ज्वलित किया. दीप जलाने के बाद पीएम मोदी ने राजघाट पर जनसभा को संबोधित किया. नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहे धरना-प्रदर्शन पर कहा कि नए काम के दौरान इस तरह के विरोध होते रहे हैं.  

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सुधार की बात करते हैं. समाज और व्यवस्था में सुधार के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे. हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर जरूर उठते हैं. लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सब कुछ ठीक हो जाता है. यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है. 

पीएम ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध के संदर्भ में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और राम मंदिर का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था. जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा, विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था. लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है. सदियों पहले, बाबा के दरबार का मां गंगा तक जो सीधा संबंध था, वो फिर से स्थापित हो रहा है.

पीएम मोदी ने इस दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का उदाहरण भी दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि नेक नीयत से काम किया जाए तो विरोध के बावजूद सफलता मिलती है. 

उन्होंने कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर से बड़ा दूसरा उदाहरण क्या होगा, दशकों से इस पवित्र काम को लटकाने भटकाने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया. कैसे कैसे डर पैदा करने के प्रयास किए गए. लेकिन जब राम जी ने चाह लिया तो मंदिर बन रहा है.' 

पीएम ने कहा कि किसानों को शोषकों और बिचौलियों से आजादी मिल रही है. रेहड़ी और पटरी वालों को मदद देने के लिए बैंक आगे चलकर आ रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले अपने संबोधन में भी पीएम मोदी ने किसानों की मांग का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों के लिए नए विकल्प मिले हैं. इनमें पुराने सिस्टम पर रोक लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है. पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे. ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था. अब छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी एक्शन ले सकता है. किसान को अब नए विकल्प मिले हैं. उसे धोखे से कानूनी संरक्षण मिला है. 

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