वो तुकाराम ओंबले जी ही थे जो बलिदान हो कर बचा गए हिंदुत्व का सम्मान, अन्यथा तैयारी थी हिंदुओं को अनंत काल तक आतंकी घोषित करने की
कसाब अगर जिंदा ना पकड़ा जाता तो26/11हमले को दिया जाता हिन्दू आतंकवाद का नाम.. वामपंथ की पोल खोलती मारिया की बुक
आज ही पाकिस्तान से आये आतंकवादियों ने मुंबई में मासूम लोगों का नरसंहार किया था।जो देश के बड़े आतंकी हमलों में गिना जाता है।इसी दिन आतंवादियों ने मुंबई को चारों तरफ से खून में रंग दिया था।हमला इतना भयानक था कि इस हमले में 166 लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी थी।और600 से अधिक लोग घायल हो गये थे। पाकिस्तान से आये इन10 आतंकवादियों से सेना ने लगातार3 दिन तक मुठभेड़ की थी जिसमे9 आतंकी सेना की कार्रवाई में मारे गये थे।
जबकि कसाब को मुंबई पुलिस ने जिंदा पकड़ लिया था।कसाब के पास फर्जी प्रमाणपत्र था जिसमे उसे हिन्दू नाम की संज्ञा दी गयी थी।उसमें पहचान पत्र में समीर दिनेश चौधरी नाम अंकित था।जिसके बाद पता चला कि सभी आतंकियो के पास फर्जी प्रमाणपत्र थे जो हिन्दुओ के नाम से बनाये गये थे। इसी हमले के ऊपर मुम्बई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब चौकाने वाले खुलासे किये हैं।
उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि अगर कसाब को मार दिया जाता तो अगले दिन उसको हिन्दू आतंकवाद का नाम दे दिया जाता और मीडिया इस पर बड़ी कवरेज करने के लिए हेडलाईन हिन्दू आतंकवाद को परिभाषित करती दिखाई देती।मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब लेट मी से इट नाऊ (Let Me Say It Now) में विस्तार से इन सबके बारे में बताया है । कि मुंबई के दो पुलिस थानों की तस्वीर के जरिये भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पाकिस्तान को ये भी बता दिया गया था कि कसाब हमारे कब्जे में है।
इसलिए ये जरूरी भी हो गया था कि इस हमले की जिम्मेदारी लेने से पाकिस्तान बच रहा था। लेकिन पाकिस्तान की मीडिया ने ही पाक की पोल खोल दी कि कसाब पाकिस्तान के फरीदकोट का निवासी है जिसके बाद पाकिस्तान को कसाब ने अपना नागरिक माना था।इसके बाद ही काफी लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद देश के दुश्मन कसाब को पुणे की यरवडा कारागार में फांसी दी गयी थी।
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