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Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों का प्रदर्शन, 5 बड़ी बातें

33 संगठनों से जुड़े किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है जो 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.

Abhishek Lohia
  • Nov 25 2020 8:08PM
पंजाब के हजारों किसान 25 नवंबर के दिन सुबह से ही हरियाणा के साथ लगती अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जुटने लगे. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जत्थे 'दिल्ली चलो' आंदोलन के लिए आगे बढ़ रहे थे इसके मद्देनजर हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर उनके कूच को प्रतिबंधित कर दिया और उन पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. बीजेपी शासित पड़ोसी राज्य हरियाणा ने प्रदर्शनकारियों के जुटने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.

राजधानी दिल्ली की ओर किसानों के कूच करने के मद्देनजर चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को सील किया गया. भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात रहा. हाईवे पर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर वॉटर कैनन से पानी भी बरसाया गया.

हरियाणा पुलिस ने करीब 100 किसान नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया. पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब के लगभग 2,00,000 किसान 26 नवंबर से अपने 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत दिल्ली रवाना होने के लिए तैयार हैं.

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने हरियाणा सरकार की इस कार्रवाई पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के किसानों के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया है, ताकि यह साबित कर सके कि 'पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है.'

1) भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि "हम शांतिपूर्वक हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के मार्गों को अवरुद्ध करेंगे. सड़कों पर धरना शुरू करेंगे." 33 संगठनों से जुड़े किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है जो 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.

2) प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर जाने की अनुमति से वंचित रहने पर दिल्ली की सभी सड़कों को अवरुद्ध करने की धमकी दी है. लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा, क्योंकि उनके पास शहर में विरोध करने की अनुमति नहीं है. हरियाणा पुलिस ने भी यात्रा दिशानिर्देश जारी किया है, जिससे यात्रियों को विरोध के मद्देनजर कुछ राष्ट्रीय राजमार्गो पर आवागमन से बचने के लिए कहा गया है. हरियाणा पुलिस का कहना है कि उनकी व्यवस्थाओं का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए उचित कानून और व्यवस्था बनाए रखना, यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के कार्य को सुचारु बनाना और सार्वजनिक शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करना है.

3) हरियाणा के भीतर प्रदर्शनकारियों का मुख्य फोकस चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे, जो दिल्ली की ओर जाते हैं, यानी अंबाला से दिल्ली, हिसार से दिल्ली, रेवाड़ी से दिल्ली और पलवल से दिल्ली. पुलिस का कहना है कि उचित कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, यह संभावना है कि पुलिस द्वारा 25, 26 और 27 नवंबर को ट्रैफिक डायवर्जन या रोड ब्लॉक कर दिया जाए.

4) पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में 3 दिसंबर को कृषि कानूनों के मुद्दे पर विभिन्न किसान संगठन के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के केंद्र के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया था. उन्होंने कहा था कि आगामी वार्ता केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताओं के जल्द निवारण का मार्ग प्रशस्त करेगी.

5) भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-एकता डकोंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि 'लंगर' (मुफ्त भोजन सेवा) तब तक चलेगी जब तक कि केंद्र सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती. उनका कहना है कि "2 लाख किसानों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में यह एक ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन होगा"

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