उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया है। यूपी डीजीपी कार्यालय की तरफ से अलर्ट जारी कर कहा गया है कि हिंसा और उपद्रव करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही संवेदनशील जिलों में पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं। और योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के बयान पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किये गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस विरोधी नारेबाजी भी की। वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी प्रदर्शन हुए। यहां कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाये।
डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को ऐसे किसी भी प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। पुलिस ने शांति भंग करने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस से कट्टरपंथ पर अपनी स्थिति साफ करने की मांग की है।
और सभी पुलिस कप्तानों से कहा गया है कि स्थानीय अभिसूचना इकाइयों को सतर्क कर दिया जाए। जिले में कहीं भी लोग एक जगह एकत्रित न होने पाएं। कोविड-19 को लेकर जारी गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराया जाए। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के पोस्टर चिपकाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, महाराष्ट्र सरकार ये क्या हो रहा है? भारत आज फ्रांस के साथ खड़ा है। जो जिहाद फ्रांस में हो रहा है, उस आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रधानमंत्री ने फ्रांस के साथ मिलकर लड़ने की प्रतिज्ञा की है। फिर मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष का अपमान क्यों हो रहा है।
फ्रांस के खिलाफ मुंबई में भी प्रदर्शन हुए। यहां पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के पोस्टर सड़क पर चिपका दिये। ऐसे में लोगों के पास उन पोस्टरों के ऊपर से गुजरने के अलावा कोई चारा नहीं था। पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली वह तुरंत मौके पर पहुंची और सभी पोस्टरों को हटाया।