राजधानी दिल्ली में हिंदू असुरक्षित है और यह बात एक बार फिर साबित हो गई है. दरअसल, तीन महीने पहले जिहादी ठेकेदार की बर्बरता का शिकार हुए दिवाकर की आज सुबह मृत्यु हो गई है. बता दें कि दिवाकर अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन दिवाकर के परिवार का ध्यान रखने के लिए अब कोई नहीं हैं.
जानकारी के सिए बता दें कि दिवाकर के छोटे-छोटे बच्चे हैं जिन्हें ये भी पता नहीं कि उनके पिता है भी या नहीं है. वहीं, दिवाकर पर जिहादी बर्बरता सिर्फ इसलिये हुई थी. क्योंकि वह अपने अधिकार मांगने जिहादी बिल्डर के पास गया था. दिवाकर ने उस बिल्डर के साथ काम किया था. जिसका मेहनताना जब दिवाकर ने मांगा तो जिहादी बिल्डर ने निर्ममता से पीटना शुरू कर दिया और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया था.
तीन महीने तक जीवन और मृत्यू से अस्पताल में जुझता रहा था
दिवाकर तीन महीने तक जीवन और मृत्यू से अस्पताल में जुझता रहा था. बता दें कि गरीब परिवार की जीवन भर की कमाई जीवन बचाने में खर्च हो गई है. लेकिन दिवाकर का जीवन नहीं बच सका. वहीं, परिवार का रो रोकर बुरा हाल है.
दिल्ली में एक और हिंदू परिवार जीवन की जंग हार गया है
देश के राजधानी दिल्ली में एक और हिंदू परिवार जीवन की जंग हार गया है. जब मजदूर अपना अधिकार मांगने इन जिहादियों के पास जाता था तो वह उसके साथ अमानवीय व्यव्हार करते थे. दिवाकर पर जिहादियों ने बेरहमी से हमले किया था. बता दें कि मुस्तकीम, आसिफ और मुसरत ने इस हत्या को अंजाम दिया है.