दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की मुसीबत बढ़ती दिख रही है. बता दें कि दिल्ली की अदालत ने DCW में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में स्वाति मालीवाल समेत चार पर आरोप तय करने का आदेश दे दिया है. दरअसल, मालीवाल पर महिला अधिकार निकाय में आप कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त करने का आरोप है.
जानकारी के अनुसार, विशेष न्यायाधीश विनय सिंह की कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के अलावा आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक पर आईपीसी की धारा 120 (B) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (2), 13(1) (D) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है.
आयोजित बैठक में चारों आरोपियों के थे हस्ताक्षर - जज
बता दें कि न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि DCW द्वारा अलग-अलग तिथियों पर आयोजित बैठकों की मिनट्स ऑफ मीटिंग्स पर सभी चार आरोपियों के हस्ताक्षर थे. ऐसे में प्रथमदृष्टया मजबूत संदेह पैदा करता है कि विचाराधीन नियुक्तियां इन्हीं आरोपियों द्वारा की गई थीं.
सभी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए यह पर्याप्त सबूत है- कोर्ट
वहीं, सभी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए यह पर्याप्त सबूत है. उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी ने अवैध नियुक्तियों पर कभी आपत्ति नहीं की और असहमति नोट तक नहीं जारी किया बल्कि यह दावा किया गया कि उन बैठकों में सर्वसम्मति से निर्णय का दावा किया गया था.
DCW के पूर्व अध्यक्ष ने की थी शिकायत
जानकारी के लिए बता दें कि महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था. अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि 6 अगस्त, 2015 और 1 अगस्त, 2016 के बीच DCW में 90 नियुक्तियां की गईं. इनमें 71 लोगों को अनुबंध जबकि 16 को ‘डायल 181’ संकट हेल्पलाइन के लिए नियुक्त किया गया था.