हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी नज़र आ रही है। आपको बता दें अभी तक आ रहे विधानसभा चुनावों के परिणाम में जयराम कैबिनेट के मंत्रियों के दिलों की धड़कने बड़ा दी है। दरअसल, 6 मंत्री अपनी ही सीटे से पीछे चलते नज़र आ रहे है जबकि वहीं दूसरी ओर तीन मंत्री हार चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सेराज सीट से आगे देखे जा रहें है।
आपको बता दें कि लाहौल स्पीति में कांग्रेस के रवि ठाकुर जीत गए हैं साथ ही मंत्री सुरेश भारद्वाज भी अपनी सीट हार गए हैं। जयराम कैबिनेट में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहीं सरवीन इस चुनाव में हार गईं। अगर बात की जाए उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह की तो शुरुआती दौर में आगे चलते नज़र आ रहे थे लेकिन वो भी अब अपनी सीट से पीछे चल रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री रामलाल मरकांडा चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी रवि ठाकुर ने टक्कर देते हुए हरा दिया है। रामलाल मरकांडा के पास तकनीकी शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी है।
गोविन्द सिंह जयराम कैबिनेट में मंत्री है। उनके पास शिक्षा मंत्रालय है। वो इस बार मनाली सीट से मैदान में हैं। गोविंद सिंह पूर्व मंत्री ठाकुर कुंजलाल के बेटे हैं। उनके सामने इस बार कांग्रेस प्रत्याशी भुवनेश्वर गौड़ हैं जो पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड़ के बेटे हैं। इस चुनाव में गोविन्द सिंह अपनी सीट से पिछड़ रहे हैं, उनके सामने भुवनेश्वर गौड़ ने बढ़त बनाई हुई है।
कसुम्पटी सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी के सुरेश भारद्वाज अपना चुनाव हार गये हैं। भारद्वाज के पास हाल में शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। इस चुनाव में भारद्वाज 8655 वोटों से हार गए है। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध सिंह ने कडी टक्कर देते हुए हार दी है।
सुखराम चौधरी हिमाचल सरकार में एमपीपी और ऊर्जा मंत्री हैं। चौधरी इस चुनाव में पावंटा साहिब विधानसभा सीट से चुनाव लड रहे थे। इस बार उन्होंने कांग्रेस के किरनेश जंग को 8596 वोटों से हरा का सामना करना पडा है।
सरवीन सरवीन चौधरी जयराम कैबिनेट में मंत्री हैं। इस बार वह अपनी किस्मत शाहपुर सीट से वो आजमा रही थीं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहीं सरवीन को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। बता दें उन्हें कांग्रेस के केवल सिंह के हाथों 12243 वोटों से हार मिली है।