बिहार के सासाराम में 29 नवंबर 2022 को रोहतास की चंदन पहाड़ी में स्थित महान सम्राट अशोक के शिलालेख पर कब्जा करके मजार बनाने का मामला सामने आया है। आपको बता दें बंद शिलालेख पर काफी समय से कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी।
जानकारी के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इस पर संज्ञान लेते हुए अपने ट्विटर हैंडल के जरिए बताया है कि “सम्राट अशोक के शिलालेखों का लंबे समय तक अतिक्रमण किया गया है। अब शिलालेख के स्थान की चाबी को जिला अधिकारियों के द्वारा एएसआई के अधिकारियों को सौंप दी गई है।”
सम्राट अशोक के शिलालेख को बना दिया मजार
आपको बता दें कि पूरे देश में अशोक के ऐसे आठ शिलालेख हैं। बिहार में भी इन शिलालेखों का एक शिलालेख है। बिहार से मौजुद इस शिलालेख पर पहले चूने से पोताई करवाई गई उसके बाद चादर चढ़ा दी गई। इसके बाद से इसे सूफी संत की मजार घोषित कर सालाना उर्स का आयोजन किया जाने लगा। इतना ही नहीं इस शिलालेख की घेराबंदी करने के साथ जिबादी मुस्लिमों द्वारा उसके गेट पर ताला भी लगाकर रखा जा रहा था।
जल्द ही वे वहां जाकर करेंगे पूजा- सम्राट चौधरी
शिलालेख पर कब्जे पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जल्द ही वे वहां जाकर पूजा करेंगे। सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि जब से इस मामले को संज्ञान में लाया गया है तब से प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मॉनिटरिंग कर इसके उद्धार की दिशा में काम किया गया। जबकि राज्य सरकार को कई बार पत्र के माध्यम से जानकारी देने के बावजूद शिलालेख को कब्जे से मुक्त कराने को लेकर पहल नहीं की गई। नेता प्रतिपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार से जल्द इसके सौंदर्यीकरण कराने की मांग भी की है।