सावरकर मामले में असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अंग्रजों से उनकी याचिका वाली चिट्ठी रणनीति का हिस्सा थी. बता दें कि राहुल ने कुछ दिनों पहले सावरकर की कुछ चिट्ठियों को दिखाते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के लिए काम किया और अपने लेटर में वो खुद को अंग्रेजों का नौकर कहते थे.
सीएम ने कहा कि भारत का सारा इतिहास भारत में वामपंथियों ने लिखा और किसी कारण से उन्होंने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. सीएम हिमंत ने कहा कि सावरकर ने मातृभूमि की खातिर 26 साल जेल में बिताए. असली कहानी यह है कि अंग्रेजों से उनकी याचिका सेल्युलर जेल से बाहर आने के लिए उनकी ओर से एक रणनीतिक और चालकी भरी चाल थी.
सीएम ने कहा कि क्योंकि उनके (सावरकर) पास हमारी मातृभूमि के लिए एक महान विजन था, जिसे वो अपने जीवनकाल में पूरा करना चाहते थे इस कारण से उन्होंने ऐसा कदम उठाया. वो जेल से बाहर आने और मातृभूमि की सेवा करने में सफल हुए. वह जानते थे कि वह अपना जीवन जेल में बर्बाद नहीं कर सकते हैं. उन्हें अपना जीवन में ज्यादा से ज्यादा हिंदुत्व और देश भक्ति का प्रचार करना है.
उन्होंने कहा कि वह अंग्रेजों की अधीनता के लिए तैयार थे? असम सीएम ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी जो कर रहे हैं वह पाप है. यह महंगा पड़ेगा. हम कौन होते हैं सावरकर, अंबेडकर या गांधी जैसे लोगों पर निर्णय पारित करने के लिए. जबकि आजादी की लड़ाई में हमारा कोई योगदान नहीं है. आप मातृभूमि भारत की खातिर 26 साल जेल में बिताने वाले व्यक्ति पर गलत विचार नहीं फैला सकते. सावरकर को पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है. हम यह कर रहे हैं.