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तो क्या एक बार फ़ीर हरियाणा से किसान दिल्ली चलो का नारा देने वाले है

तो क्या एक बार फ़ीर हरियाणा से किसान दिल्ली चलो का नारा देने वाले है,

Gaurav Mishra (Delhi) @gauravstvnews
  • Oct 20 2020 7:31PM
हरियाणा के 33 किसान संगठनों ने किया ऐलान: 1 नवंबर से किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ जन जागरण के लिए चलेंगे जत्थे, 9 नवंबर को सीएम सिटी करनाल में भरेंगे हुंकार

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के झंडे तले प्रदेश के 34 किसान संगठन तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एकजुट हुए

26 और 27 नवंबर को "दिल्ली चलो" के आह्वान पर हरियाणा के किसान भी दिल्ली को घेरेंगे
हरियाणा दिवस 1 नवंबर से प्रदेश के कोने-कोने से किसान जत्थे चलेंगे गांव गांव घूम कर किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ जन जागरण करेंगे
सभी जब से 9 नवंबर को सीएम सिटी करनाल पहुंच कर मुख्यमंत्री को चुनौती देंगे

आज रोहतक के प्रभात भवन में हरियाणा के 34 किसान संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले प्रदेश में तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का फैसला लिया। सभी संगठनों ने सर्वसम्मति से तय किया कि केंद्र सरकार द्वारा लादे गए यह कानून खेती किसानी में कंपनी राज भुलाने की कोशिश है और हर किसान संगठन को अपनी पूरी ताकत लगा कर सरकार को इन्हें वापस लेने पर मजबूर करना चाहिए। अगले महीने 26 और 27 नवंबर को इन तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो के आह्वान को स्वीकार करते हुए राजधानी को घेरने का फैसला लिया। 

इस दौरान राज्य में किसानों को इस मुद्दे पर जागृत करने के अनेक कार्यक्रम चलाए जाएंगे। हरियाणा दिवस 1 नवंबर को प्रदेश के कोने-कोने से किसान जत्थे रवाना होंगे इन शब्दों के माध्यम से गांव गांव जाकर किसानों को इन कानूनों के खेती किसानी पर पड़ने वाले दुष्परिणाम के बारे में चेताया जाएगा यह सब जो थे 9 नवंबर को सीएम सिटी करनाल में आकर लूटेंगे वहां प्रदेशभर से किसान पहुंचकर हरियाणा सरकार को चुनौती देंगे।
सभी संगठनों ने प्रदेश में जगह-जगह पर इन कानूनों के खिलाफ चल रहे धरने प्रदर्शन और मोर्चा का समर्थन किया। इनमें सिरसा में चल रहा "पक्का मोर्चा" और जींद, उचाना, ढाणी गोपाल, कंडेला, गढ़ी दात सिंह, रतिया, असंध और करनाल में चल रहे अनिश्चितकालीन धरने शामिल है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने इन सब धरनों को सफल बनाने और प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी पक्का मोर्चा या धरना लगाने की अपील की। 

बैठक में पारित एक प्रस्ताव में पराली जलाने के सवाल पर सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी निभाएं बिना किसानों पर दोष मढ़ने की निंदा की गई और सरकार से मांग की गई कि दाना दाना खरीद के अपनी घोषणा के मुताबिक प्रदेश में फसल की खरीद की जाए। प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरुद्ध दमन और झूठे मुकदमे बनाने की भी निंदा की गई।

ज्ञात हो कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति देश के 250 से अधिक किसान संगठनों का समन्वय है इसकी हरियाणा इकाई की स्थापना पिछले वर्ष नवंबर में हुई थी जब इसमें 19 संगठन जुड़े थे।  आज की बैठक में प्रदेश से 14 और संगठन इस में जुड़ गए। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय वर्किंग ग्रुप के सदस्य सर्वश्री प्रेम सिंह गहलावत, सत्यवान और योगेंद्र यादव ने की।

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