दिल्ली दंगों के मास्टर माइंड उमर खालिद को एक बार फिर लगा बड़ा झटका. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है. बता दें आज यानी मंगलवार को उमर खालिद की जमानत के अनुरोध पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है.
किसकी पीठ ने लिया फैसला?
जस्टिस सिदार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ ने इस केस में अपना फैसला सुनाया है. उमर खालिद ने निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत याचिरा को दाखिल करवाया था.
खालिद ने रखी दलीलें
अभियोजन के पास उनके खिलाफ कोई आपराधिक सामग्री नहीं है. दलील दी कि उन्होंने CAA समेत उन्हीं मुद्दों को उठाया जिनके बारे में देशभर में चर्चा चल रही थी. वहीं दूसरी ओक एक दलील यह भी थी कि उनके खिलाफ अमरावती के जिस भाषण को आधार बनाया गया था, उसमें न केवल अहिंसा का आह्वान किया गया था, बल्कि उससे कहीं कोई हिंसा भी नहीं भड़की थी.
दिल्ली पुलिस की दलीलें
प्रसाद ने दिल्ली पुलिस का पक्ष रखते हुए खालिद की अर्जी का ज़ोरदार विरोध किया. प्रसाद ने कहा कि अमरावती का भाषण बहुत ही नाप तौल कर दिया गया भाषण था. इस भाषण में बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर में मुसलमानों का उत्पीड़न, संशोधित नागरिकता कानून समेत कई विषय शामिल थे.
सितंबर 2020 में किया था गिरफ्तार
बता दें कि वर्ष 2020 के फरवरी महीने में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था. शरजिल इमाम और कुछ अन्य लोगों के साथ ही दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को मुख्य आरोपी बताते हुए यूएपीए और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.