बगहा : आदमखोर बाघ को लेकर 4 हाथियों पर बैठ टाईगर रिजर्व में उतरी टीम
*टाईगर रिजर्व जंगल में एक्सपर्ट टीम के ट्रेंकुलाइज शूटर तैनात!!*
अनील कुमार सोनी ( संवाददाता ) बगहा, पश्चिमी चंपारण
बगहा : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में 15 दिन बाद भी आदमखोर बाघ वन विभाग की पकड़ से दूर है। इधर बाघ टाईगर रिजर्व के सटे गांव के कई ग्रामीणों को बाघ अपना निवाला बना लिया। इधर आदमखोर बाघ के साए में ग्रामीण दहशत में जीने को विवश है । आपको बताते चले कि बाघ को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम 4 (चार) हाथियों पर बैठकर टीम जंगल के अंदर उतर चुकी है। बाघ को धर दबोचने के लिए शिकार के विकल्प में एक भैंस को पेड़ से बांधा गया है। जिससे बाघ का इंतजार किया जा रहा है कि वो शिकार करने आए और उसे पकड़ा जा सके। वही एक्सपर्ट ट्रेंकुलाइज शूटर की टीम पेड़ पर मचान बनाकर बैठी हुई है। ताकि बाघ के आते ही उसे ट्रेंकुलाइज किया जाएगा।
आपको बताते चले कि बाघ 9 महीने के अंदर 6 लोगों को शिकार बना चुका है। इसमें से 5 लोगों की ऑन स्पॉट मौत हो चुकी है।
कुछ दिनों पहले बाघ के हमले से 12 सितंबर को एक महिला के मौत के बाद ग्रामीण उग्र प्रदर्शन पर उतारू हो गए थे। जहां वन विभाग को आक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा था। आपको बताते चले कि महिला बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में सोहनी कर रही थी कि इस महिला को आदमखोर बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था ।
उसके कुछ दिन बाद एक 65 वर्षीय किसान को बाघ ने अपना शिकार बना लिया किसान अपनी पत्नी, बेटी और बहू के साथ खेत में काम कर रहा था, तभी बाघ ने उसपर हमला कर दिया। किसान के परिवार के सामने ही बाघ उसे जबड़े में दबाकर घसीटते हुए गन्ने के खेत में लेकर चला गया। थोड़ी देर बाद गांव के लोग इकट्ठा हुए तो सभी गन्ने के खेत में गए। वहां किसान की लाश पड़ी थी। पूरा मामला बैरिया काला गांव के बैरिया के पास सरेह का है। शव को वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया है। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में हैं।
जिसके बाद बाघ पर निगरानी के लिए कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे ताकि बाघ को पकड़ा जा सके।
बाघ बार-बर अपना ठिकाना बदल रहा है। इसे लेकर स्थानीय स्तर पर पिछले 7 दिनों से रेस्क्यू अभियान तेज किया गया था। हालांकि अब तक बाघ का रेस्क्यू नहीं हो सका है। अब पटना से एक्सपर्ट्स की टीम वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में पहुंची है। आज एक बार फिर बाघ को पकड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
*राष्ट्रीय स्तर के एक्सपोर्ट ट्रेंकुलाइज शूटर भी पहुंचे !!*
टाईगर को जल्द से जल्द रेस्क्यू कर लिया जाए, इसके लिए टीम में ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट शफाअत अली को शामिल किया गया है। शफाअत अली कठिन परिस्थिति में अब तक वन्यजीवों को ट्रेंकुलाइज करते आए हैं। वो छोटे जानवर से लेकर बड़े खतरनाक जानवरों तक को ट्रेंकुलाइज कर चुके हैं। इनके साथ ही पटना चिड़ियाघर के बाघ एक्सपर्ट भी शामिल है।
*बाघ को रिझाने के लिए दिया जा रहा है लालच !*
बाघ को सामने लाने के लिए जंगल के किनारे एक छोटा भैंसा, बकरी आदि रखा गया है। ताकि बाघ किसी तरह खाने के लालच में पहुंचे। हालांकि कल शाम 6 बजे तक बाघ बाहर नहीं आया था।
बाघ को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे इसे लेकर हर स्तर पर तैयारी की गई है। टीम में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता के नेतृत्व में वेटनरी चिकित्सक समरेंद्र कुमार, ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट शूटर शफाअत अली और इकोलॉजी डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं।
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