अब तो सवाल अपने आप उठने शुरू हो जाएंगे की आखिर वो कौन है या वह कौन सी सोच है जो भारत के भगवाधारी संतो से इतनी नफरत करती है कि उन्हें जगह-जगह निशाना बना रही है। कभी पालघर में संतो को घेर कर मार डाला जाता है तो कभी बुलंदशहर में दो साधुओं की निर्मम हत्या कर दी जाती है अब संतों की मुख्य धर्म नगरी भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि मथुरा एक बार फिर से चर्चा में है जहां संत पर हमला किया गया है और उन्हें बुरी तरह से मारा पीटा गया है। या घटना मथुरा के वृंदावन क्षेत्र की है।
मिल रही जानकारी के अनुसार मथुरा के वृन्दावन बांकेबिहारी पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत परिक्रमा मार्ग स्थित इमलीतला आश्रम में नामजदों ने पूर्व महंत के साथ मारपीट कर दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने गम्भीर घायल सन्त को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया तथा मौके से एक आरोपी को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहालइस मामले में अब तक महंत जी ने कोई तहरीर नही दी है, पुलिस अपनी कार्यवाहीी कर रही है.आश्रम के अन्य लोगो ने भी तहरीर लिखवाने से मना कर दिया है। विवाद मठ पर कब्जे को लेकर है। बताया जा रहा है कि हमलावर वा पीड़ित दोनों ही पश्चिम बंगाल के हैं. एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है.
इमलीतला आश्रम में सोमवार शाम एक कमरे से अचानक चीख-पुकार की आवाज सुन आश्रम परिसर में हड़कंप मच गया। आश्रम के अन्य सन्त मौके पर पहुंचे तो पूर्व महंत सन्त तमालकृष्ण दास महाराज घायल एवं अर्धमूर्छित अवस्था में जमीन पर पड़े थे। सूत्रों की मानें तो इस घटना का कारण आश्रम ट्रस्ट पर काबिज होने को लेकर चल रहा विवाद तथा पूर्व महंत द्वारा कमरे पर अपना ताला लगाया जाना है। वहीं ये भी बताया जा रहा है कि पूर्व महंत द्वारा आश्रम के सुरक्षा गार्ड को कोरोना महामारी के चलते बाहर आने-जाने से मना किया था। इसी के चलते सुरक्षा गार्ड और उसके तीन साथियों ने सन्त के साथ मारपीट की है.