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इस वजह के चलते बिहार चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे हार्दिक पटेल

गुजरात की एक अदालत में गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने याचिका दायर की थी. इसमें उनके गुजरात से बाहर जाने पर रोक वाली शर्त को अस्थायी रूप से निलंबित करने का अनुरोध किया गया था. हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

Abhishek Lohia
  • Sep 25 2020 6:32PM

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को गुजरात की अदालत से राहत नहीं मिली है. गुजरात की एक अदालत ने हार्दिक पटेल की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें जमानत से जुड़ी शर्तों को अस्थायी रूप से निलंबित करने की मांग की गई थी. इसके साथ ही उनका बिहार चुनाव में प्रचार करने का प्लान फेल हो गया है.

गुजरात की एक अदालत में गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने याचिका दायर की थी. इसमें उनके गुजरात से बाहर जाने पर रोक वाली शर्त को अस्थायी रूप से निलंबित करने का अनुरोध किया गया था. हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

राष्ट्रद्रोह के मामले में आज अहमदाबाद सेशन्स कोर्ट में हार्दिक पटेल की जमानत और गुजरात के बाहर जाने की याचिका पर सुनवाई हुई. सेशन्स कोर्ट ने हार्दिक पटेल की गुजरात के बाहर जाने की याचिका को खारिज कर दिया. दरअसल, सेशन्स कोर्ट ने हार्दिक पटेल को जिस वक्त जमानत दी थी, उस वक्त ये शर्त रखी थी कि वो गुजरात छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं.

बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान

वहीं आज ही बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है और आज ही हार्दिक पटेल ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उन्हें गुजरात के बहार जाने की अनुमति दी जाएं लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को ही खारिज कर दिया. सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी कि हार्दिक पटेल पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगा है, जो काफी गंभीर है. ऐसे में पटेल को राज्य के बाहर जाने देना ठीक नही हैं.

वहीं पटेल की याचिका में कहा गया था कि उन्हें 90 दिनों के लिए राज्य से बाहर जाने दिया जाए. जिस का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने की वजह से उन्हें बाहर जाने दिया जाए ये ठीक नहीं है. कानून सबके लिए एक सा होता हैं. साथ ही दूसरे राज्य में भी हार्दिक पटेल की वजह से शांति भंग हो सकती हैं, ये भी आंशका जताई गई.

कांग्रेस को हो सकता था फायदा

कोर्ट की ओर से पटेल की याचिका खारिज होने से उन्हें तगड़ा झटका लगा है. हार्दिक पटेल पाटिदार समुदाय से आते हैं. वहीं बिहार में कनबी पाटीदार के 5 फीसदी वोट हैं. ऐसे में कांग्रेस को हार्दिक पटेल जैसा युवा नेता चुनाव प्रचार के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता था, हालांकि अब वो बिहार जाकर चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे.

वहीं जनवरी से अब तक तीन बार हार्दिक पटेल को गिरफ्तार किया गया हैं. 18 जनवरी 2020 की राष्ट्रद्रोह के मामले में कोर्ट में उपस्थित न होने पर हार्दिक पटेल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी. जिसके बाद हार्दिक पटेल के खिलाफ एडिशनल सेशन्स जज ने वारंट निकाला था और अहमदाबाद सीटी पुलिस ने हार्दिक पटेल को विरमगांव के पास से गिरफ्तार किया था. इसके बाद हार्दिक पटेल जमानत पर बाहर आ गए.

कोर्ट में चल रहा केस

बता दें कि 2016 में अहमदाबाद में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान कन्वीनर हार्दिक पटेल, केतन पटेल, दिनेश बांभणिया और चिराग पटेल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस लगाया गया था. इसमें क्राइम ब्रांच ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. सेशन्स कोर्ट में ये मामला चल रहा है.

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