वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई जिला
जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में चल रही है। मामले की सुनवाई चार अगस्त तक
टल गई है।
बता
दें कि वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए
दाखिल वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सुनवाई चार अगस्त तक टल गई है। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश के न्यायालय में सोमवार को इस
प्रकरण की सुनवाई होनी थी, लेकिन एक अधिवक्ता के निधन पर शोक प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए
सुनवाई चार अगस्त तक टल दी गई है।
पिछली सुनवाई पर वादिनी राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता
मानबहादुर सिंह ने न्यायालय में कहा, कि यह वाद सिर्फ ज्ञानवापी स्थित मां
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शनृ-पूजा और राग भोग के लिए दाखिल किया गया है। विशेष
धर्म उपासना स्थल 1991 में यह कहा गया है कि आजादी के समय जो धर्म स्थलों की
स्थिति थी, अब भी वही रहेगी।
यह वाद इससे इतर है इसमें सिर्फ दर्शन और पूजा की बात कही
गई है, स्वरूप परिवर्तन की बात नहीं की गई है। इसके बावजूद पहले
हिंदू मुस्लिम, फिर मंदिर मस्जिद का विवाद बताकर इसे बढ़ा दिया गया। जबकि कहा
गया था कि दर्शन और पूजा पाठ हमारा सिविल अधिकार है, इसे रोका नहीं जाना चाहिए। प्रकरण
में न्यायालय में हिंदू पक्ष का दावा है कि श्रृंगार गौरी का प्रकरण सुनवाई योग्य
है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि प्रकरण सुनवाई योग्य नहीं
है।
पिछले गुरुवार को पिछली सुनवाई पर पांचों वादिनीगण और डीएम, पुलिस
आयुक्त और मुख्य सचिव प्रदेश शाशन की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी। इस प्रकरण मेंमुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी को जवाबी बहस
करना था।