महाराष्ट्र का संग्राम अपने चर्म पर पहुँच चुका है। शिंदे गुट काफी मजबूत दिख रहा है। दलबदल कानून से बचने के लिए 37 का जादुई आंकड़ा देर रात प्राप्त कर लिया है। अब कुल 45 विधायकों समर्थन इस समय प्राप्त हो चुका है।
एकनाथ शिंदे खेमे में शिवसेना विधायकों की संख्या 50 को पार करने की उम्मीद है क्योंकि आज और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है। असम के गुवाहाटी में मौजूद शिंदे गुट के बागी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि पहले कई बार विधायकों ने उद्धव जी से कहा था कि कांग्रेस हो या एनसीपी, दोनों ही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
कई बार विधायकों ने उद्धव जी से मिलने के लिए समय मांगा लेकिन वे उनसे कभी नहीं मिले। यदि आप शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक कोई भी अधिकारी विधायक के परामर्श से नियुक्त नहीं किया जाता है।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में उत्पन्न सियासी संकट से एनसीपी मुखिया शरद पवार काफी नाराज हो गए हैं। उन्होंने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सभी बागियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इससे पहले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अपनी नियुक्ति की पुन: पुष्टि और पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में भरतशेत गोगावाले की नियुक्ति के संबंध में पत्र लिखा।