नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद
देश भर में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उत्पात मचाया था। कानपुर में नमाज के बाद हुई
हिंसा में एक नई कड़ी जुड़ के सामने आ रही है। बता दें कि कानपुर हिंसा में पाकिस्तान
से कनेक्शन बताया जा रहा है। नई सड़क और दादा मियां हाता में बवाल के दौरान एक नंबर
से लगातार पाकिस्तान से बात हो रही थी। वह नंबर अकील खिचड़ी नाम के एक हिस्ट्रीशीटर
का है। वह हिंसा के बाद से ही फरार चल रहा है। SIT को पता चला है कि अकील खिचड़ी, बाबा बिरयानी के मालिक बाबा मुख्तार का भी खास है।
3 जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के
दौरान हिंसा हुई थी। घटना की जांच कर रही SIT ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र के मोबाइल टॉवर्स का डाटा खंगाला है। इस दौरान
पाकिस्तानी नंबर से कानपुर के अकील खिचड़ी की बात होने की जानकारी सामने आई। वह
शातिर अपराधी और दाउद के लिए काम करने वाली डी-2 गैंग का
मेंबर भी है। उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में 21 गंभीर आपराधिक
मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस डी-2 गैंग का चैप्टर अब क्लोज कर
चुकी है।
उधर, हिंसा के करीब 20
दिन बाद पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद अफसरों की नींद उड़ गई
है। गम्मू खां के हाते में रहने वाला अकील पुलिस ने अकील खिचड़ी की तलाश तेज कर दी
है। उसकी गिरफ्तारी के लिए अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।
बता दें कि बाबा मुख्तार को SIT ने बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। अब तक जांच में
यह भी साफ हो गया है कि हिंसा के आरोपियों को फंडिंग करने वाला बाबा मुख्तार ही
था। उसके गुर्गे के रुमाल लहराते ही भीड़ ने चंद्रेश्वर हाते पर धावा बोल दिया था।
एक मुखबिर ने पुलिस को अकील खिचड़ी के मोबाइल का स्क्रीन शॉट उपलब्ध
कराया है। उसमें भी पाकिस्तानी नंबर है, जिससे अकील खिचड़ी
बात कर रहा था। इसमें अकील ने लिखा, ''शेख साहब और बम चाहिए।
काम हो जाएगा।''