कानपूर में हुई हिंसा मामले में अब यह बात पुख्ता हो गई है कि इसका सीधा-सीधा संबंध इस्लामिक आतंकी संगठन पीएफआई से है। सुदर्शन न्यूज़ ने एक लेख के माध्यम से पहले भी आपको बताया था कि कैसे जफ़र हयात का संगठन पीएफआई के संपर्क में आज से नहीं बल्कि कई बर्षों से है। इनका मकसद हिंसा केवल कानपुर में ही नहीं बल्कि पुरे उत्तर प्रदेश में करना था।
बवाल की साजिश में पीएफआई का भी हाथ था इसका खुलासा मंगलवार को हो गया है। पुलिस ने जिन 3 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया वह पहले भी सीएए हिंसा में जेल जा चुके हैं। मामले में जब तहकीकात शुरू हुई तो मोबाइल नंबरों की सीडीआर व व्हाट्सएप चैट से इन तीनों के शामिल होने की पुष्टि हुई।
पुलिस ने बजरिया निवासी मोहम्मद उमर, फीलखाना निवासी सैफुल्ला, कर्नलगंज के मोहम्मद नसीम अहमद को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना ने बताया कि ये तीनों हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे।
पुलिस के मुताबिक जेल भेजे गए तीनों पीएफआई सदस्यों के अलावा दो और सदस्य हैं। जिसमें एक बीमार है और एक लापता है। ये दोनों भी सीएए हिंसा के मामले में जेल गए थे। फरार होने वाले की तलाश की जा रही है।