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Amarnaath Yatra में स्टिकी बम का खेल, खेल सकती है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई... सुरक्षाबलों ने बनाई नई रणनीति

खुफिया एजेंसियों को जानकारी है कि अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर स्टिकी बम से हमला किया जा सकता है। 30 जून से शुरू होने वाली इस यात्रा में इस बार करीब 3 लाख से ज्यादा यात्री पहुंचेंगे।

Akshat Shrotry
  • Jun 7 2022 1:29PM

घाटी से इस समय एक बड़ी खबर आ रही है जिसके तहत अमरनाथ यात्रा पर स्टिकी बम हमले की सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई है। पहले भी कठुआ में ड्रोन से स्टिकी बम बरामद हो चुके हैं और इसके बीच जानकारी मिल रही है कि इन सबके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आईएसआई इस हमले के लिए आईएसआईएस के भी सम्पर्क में है।

 खुफिया एजेंसियों को जानकारी है कि अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर स्टिकी बम से हमला किया जा सकता है। 30 जून से शुरू होने वाली इस यात्रा में इस बार करीब 3 लाख से ज्यादा यात्री पहुंचेंगे। भारी भीड़ के चलते सुरक्षा एजेंसियों ने अपने सिक्योरिटी प्लान में बदलाव किया है। सिक्योरिटी एजेंसी ने गाड़ियों के मूवमेंट के प्लान में बड़ा बदलाव किया है।

 जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पास स्टिकी बम होने को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट है। आपको बताते चलें कि स्टिकी बम ऐसे विस्फोटक होते हैं जिन्हें गाड़ियों पर चिपकाकर कहीं दूर से बैठकर भी विस्फोट को अंजाम दिया जा सकता है। इनका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध से लेकर अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों तक ने किया है।

 कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के पास से कई स्टिकी बम बरामद किए हैं। गिरफ्तार हुए आतंकियों से हुई पूछताछ और बाकी सबूतों के आधार पर इस बात की आशंका जाहिर की जा रही है कि कश्मीर में मौजूद आतंकी संगठनों के पास स्टिकी बम पहले ही पहुंच चुके हैं। पिछले महीने कटरा से जम्मू जा रही बस पर हमले भी स्टिकी बम से किये गए थे, जिसकी जांच एनआईए कर रही है।

 इन घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा की सिक्योरिटी की रणनीति पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षा अधिकारियों ने फैसला लिया है कि तीर्थ यात्रियों और सुरक्षाबलों की गाड़ियां अलग-अलग रहकर चलेंगी। साथ ही सुरक्षाबलों और तीर्थयात्रियों के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को ये निर्देश भी जारी किए गए हैं कि किसी भी गाड़ी को लावारिस न छोड़ें।

 कश्मीर रेंज के IG विजय कुमार का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां स्टिकी बम के खतरे से निपट रही हैं और इसके लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं। कश्मीर में आतंकियों के पास पहली बार स्टिकी बम पिछले साल फरवरी में जम्मू के सांबा इलाके में बरामद हुआ था।

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