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उत्तराखंड के सेब की लाली हिमाचली सेब पर भारी

प्रदेश के 11 जिलों के पर्वतीय इलाकों में 25318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है, मगर आज तक ब्रांडिंग को गंभीरता से पहल नहीं हो पाई है।

Krishna Kumar
  • Sep 4 2020 6:03PM

उत्‍तराखंड में सेब की तुड़ाई शुरू हो चुकी है। प्रमुख नकदी फसलों में शुमार होने के बावजूद उत्तराखंड में सेब पिछले 19 साल से सिस्टम की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। प्रदेश के 11 जिलों के पर्वतीय इलाकों में 25318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है, मगर आज तक ब्रांडिंग को गंभीरता से पहल नहीं हो पाई है। हर बार ही सेब उत्पादकों को समय से उत्तराखंड एप्पल के नाम की खाली पेटियां मुहैया कराने की बात होती है, मगर ये शायद ही कभी वक्त पर मिल पाती हों। हर बार उत्तराखंड का सेब हिमाचल की पेटियों में पैक होकर हिमाचल के नाम से बिकता है। इस मर्तबा भी सूरतेहाल कुछ ऐसा ही है। मौसम के साथ देने से इस बार सेब की अच्छी पैदावार है। कई जगह तुड़ाई भी शुरू हो चुकी है। पिछली गलतियों से सबक लेते हुए सरकार ने इस बार किसानों को पेटियां उपलब्ध करा दी है।
राज्य के उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल  का कहना है कि सेब की पैदावार इस बार बहुत अच्छी है। राज्य में दो लाख इकसठ हजार के करीब बाॅक्स की डिमांड थी। तीन लाख बाॅक्स मंगवाये हैं। जितनी किसानों की डिमांड थी उतने बाॅक्स उन तक पहुंचाये जा चुके हैं। हर्सिल का सेब आने में अभी समय है उनको भी उच्च गुणवत्ता वाले बाॅक्स उपलब्ध कराये जा चुके हैं।

उत्तराखंड में सेब की पैदावार साल दर साल अच्छी होने के बाद अब सरकार का पूरा फोकस सेब की ब्रांडिग पर है। सरकार ने इसको लेकर बिस्तृत कार्य योज=ना तैयार की है। लंम्बे समय तक उत्तराखंड का सेब बाजार में हिमाचल की पेंटियों में आने के बाद अपनी अलग पहचान नहीं बना पाया। उत्तराखंड सरकार की ओर से सेब उत्पादकों को मुहैया कराई जाने वाली खाली पेटियों की प्रति पेटी 99.50 रुपये की लागत आती है। इस पर राज्य सरकार 50 फीसद अनुदान देती है। यानी किसान को प्रति पेटी 49.75 रुपये की पड़ती है। दूसरी तरफ, हिमाचल की पेटियां भी करीब-करीब इतने की ही पड़ती हैं और ये वक्त से पहले मिल जाती हैं। वहीं राज्य सरकार ने इस वर्ष सी ग्रेड के सेब के लिए नौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया है। उधान मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि हमारा पूरा फोकस उत्तराखंड के सेब को देश में एक ब्रांड बनाना है। जिसको लेकर हम लगातार प्रयासरत हैं। मार्केटिंग के साथ अन्य विषयों पर भी हमारा पूरा फोकस है। हमारे बाॅक्स की क्वालिटी हिमाचल के बाॅक्सों से कई अच्छी है। हिमाचल के कई किसान हमारे बाॅक्सों का प्रयोग कर रहे हैं यानि हिमाचल का सेब उत्तराखंड के बाॅक्स में आयेगा। राज्य की पेटियां हिमाचल प्रदेश से बेहतर और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।



एक नजर राज्य के सेब उत्पादक जिलों पर
जिला--------------क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
उत्तरकाशी--------------8955.03
देहरादून--------------4894.54
टिहरी--------------3828.27
पिथौरागढ़--------------1615.00
अल्मोड़ा--------------1577.00
नैनीताल--------------1243.32
चमोली--------------1201.69
पौड़ी--------------1127.00
रुद्रप्रयाग--------------413.50
चंपावत--------------324.00
बागेश्वर--------------98.45

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