राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद से योगी सरकार अयोध्या का कायाकल्प करने के अपने महत्वाकांक्षी मिशन पर चल पड़ी है। अयोध्या मंडल की समीक्षा बैठक में सीएम ने अधिकारियों को जहां अयोध्या नगर का कायाकल्प करने के निर्देश दिए हैं, वहीं राम नगरी अयोध्या को सोलर सिटी बनाये जाने की जानकारी भी दी है।
कैसी होगी अयोध्या
अभी अयोध्या में 258 करोड़ की पर्यटन विकास योजनाएं प्रगति पर हैं। 251 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा निर्माण के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार 100 करोड़ जारी कर चुकी है। अयोध्या के सभी प्रवेश मार्गों पर बनाये जाने वाले थीम बेस गेटों के निर्माण के लिए 200 करोड़ के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे गए हैं, जिसे सरकार मंजूर करने जा रही है। इसके साथ ही परिक्रमा पथों का विस्तार, कुंडों का जीर्णोद्धार, पर्यटक सुविधा केंद्रों का निर्माण, पार्किंग, फ़ूडकोर्ड आदि के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
अयोध्या हवाई अड्डे को 160 एकड़ जमीन मिल चुकी है। सुल्तानपुर रोड पर एक और बस अड्डे के निर्माण की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। होटल और रिजॉर्ट के लिए करीब 20 कंपनियां तैयार हैं। सरकार डीजल और पेट्रोल चलित वाहनों को तीर्थ नगरी के अंदर प्रवेश न देने की योजना पर भी काम कर रही है। जिसमे थीम गेट के पास पर्यटक अपने वाहन पार्क करने के बाद इलेक्ट्रिक वाहन से ही अयोध्या में प्रवेश कर सकेंगे।
आने वाले दिनों में अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ेगी। सरकार का मानना है कि 2020 में यहां करीब 2.2 करोड़ लोग अयोध्या आएंगे। वहीं 2031 में यह संख्या करीब 6.8 करोड़ होगी। इसलिए सरकार यहां पर मूलभूत पर्यटक सुविधाओं को विस्तार देने के अपने महा अभियान को आगे बढ़ाने को लेकर खासी गंभीर नजर आ रही है।