पंजाब में कांग्रेस टूट की कगार पर पहुँच गई है। पहले सत्ता से निष्काशन और अब आपसी फूट की बजह से पंजाब में कांग्रेस संगठनात्मक आस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। जो हाल कांग्रेस की केंद्रीय समिति है वही इनके पंजाब में हालत है। आज पंजाब कांग्रेस उस समय बड़ा झटका लगा जब पूर्व अध्यक्ष पंजाब कांग्रेस सुनील जाखड़ ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
पार्टी और सुनील जाखड़ के बीच पंजाब विधानसभा चुनाव से ही स्थिति खराब बनी हुई थी। शनिवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने फेसबुक लाइव करके पार्टी को छोड़ा है। उन्होंने गुड कहा कि इस तरीके से चिंतन से कुछ नहीं होगा। उन्होंने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा कि नोटिस उन लोगों को जारी करना चाहिए जिन्होंने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस का चिंतन शिविर सिर्फ औपचारिकता था। यूपी चुनाव में 390 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को दो हजार वोट मिले। गोवा-उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ विरोध के बाद भी कांग्रेस जीत नहीं पाई। उन्होंने कहा की मुझे लगता है कि कांग्रेस को इस बारे में सोचना पड़ेगा। इन खामियों के लिए मैं सिर्फ हाईकमान को जिम्मेदारी नहीं ठहरा रहा, इसमें और की भी कमियां रही हैं।
बता दें कि AICC के अनुशासनात्मक पैनल ने 26 अप्रैल को सुनील जाखड़ को 2 सालों के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। उन्होंने पंजाब पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और पंजाब में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की हार के बाद उन्हें पार्टी के लिए जिम्मेदार करार दिया था।