लोकायुक्त इंदौर की टीम ने शुक्रवार को बुरहानपुर नगर निगम के इंजीनियर और प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद को 50 हजार नकदी और एक लाख रूपए का चेक रिश्वत में लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसकी शिकायत सांई इंटरप्राइजेस रतलाम के प्रोप्राइटर सार्थक सोमाली ने की थी। 2 दिन पहले संजय मेहता यहां से तत्कालीन आयुक्त एसके सिंह को स्टे मिलने के कारण रवाना हुए थे। आज ये कार्रवाई की गई। इंजीनियर के खिलाफ ठेकेदार ने लोकायुक्त में शिकायत की थी।
रोचक बात यह है कि डील के मुताबिक जब पीड़ित रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा तो इंजीनियर ने उससे रुकने को कहा। इंजीनियर ने कहा कि उसके नमाज पढ़ने का वक्त हो गया है। वह नमाज पढ़कर एक घंटे में पैसे लेने आएगा। वह जैसे ही पैसे लेने के लिए आया, लोकायुक्त की टीम ने उसे ट्रैप कर लिया।
शिकायतकर्ता पार्थ सोमानी ने नगर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए जागरुकता वॉल पेंटिंग की थी। इसका बिल करीब 21 लाख रुपये बना था। 28 फरवरी को शिकायतकर्ता ने काम पूरा करके अपने बिल जमा कर दिए थे। इसके भुगतान के लिए इंजीनियर पैसों की मांग कर रहा था। करीब दो महीने बीतने के बाद बिल का भुगतान नहीं हुआ तो डेढ़ लाख रुपये में डील हुई। इस बीच शिकायतकर्ता ने इंदौर लोकायुक्त में इसकी शिकायत भी कर दी।
लोकायुक्त इंदौर की टीम ने ट्रैप टीम गठित किया और शुक्रवार को नगर निगम के दफ्तर में 50 हजार रुपए नकद व डेढ़ लाख के दो चेक लेते रंगे हाथ पकड़ा। रिश्वत की रकम चपरासी ने अपने हाथों में ली थी जबकि इंजीनियर उसके साथ था। लोकायुक्त पुलिस ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।