आतंकवाद की आग अब हिमाचल जिला ऊना तक पहुँच चुकी है। इससे पहले भी कई बार आतंकी संगठन खालिस्तान ने भी ऊना को हिमाचल से अलग करके पंजाब में मिलाने की धमकी दी है और कई आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। आज हिमाचल के ऊना को फिर से दहलाने की कोशिश की गई है। ऊना में टिफिन बम मिलने से प्रदेश में कार्यरत केंद्रीय सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। पुलिस का विशेष जांच दल (एसआइटी) घटना के पुराने कनेक्शन का पता लगा रहा है। संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश को आतंकी पहले भी छुपने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। जब पंजाब आतंकवाद की आग में जल रहा था, तब भी हिमाचल पर असर हुआ था। 1993 से 2010 तक प्रदेश में आतंक की करीब 15 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव चंबा जिले में देखा गया।
हिमाचल की पंजाब से 425 किलोमीटर, हरियाणा के साथ 245 किलोमीटर, एक किलोमीटर उत्तर प्रदेश, 229 किलोमीटर उत्तराखंड, 225 किलोमीटर सीमा जम्मू- कश्मीर से सटी है। चंबा का 18 किलोमीटर क्षेत्र पठानकोट से लगता है।
सेना, आइटीबीपी व हिमाचल पुलिस ने चीन की गतिविधियों पर भी चौकसी बढ़ा दी है। चीन सीमा के उस पार सड़क, आधारभूत ढांचे का निर्माण पर गतिविधियां बढ़ा रहा है। हिमाचल प्रदेश की चीन के तिब्बत से करीब 240 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा जुड़ी है। किन्नौर और लाहुल स्पीति का काफी बड़ा क्षेत्र चीन से लगता है। दोनों जिलों के 48 गांव इसमें आते हैं। इस संबंध में डीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी।