पाकिस्तान अकसर यह सवाल भारत में उठाता है कि भारत में अल्पसंख्यक समाज सुरक्षित नहीं है लेकिन पाकिस्तान अपने गिरेबान में झाँक कर नहीं देखता है। पाकिस्तान में आये दिन हिन्दू और सिखों पर हमले होते हैं। कई बार हो चुका है जब पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथी पाकिस्तानी सिखों और हिन्दुओं के जबरन धर्मपरिवर्तन करवाते हैं और वहां का इतिहास रहा है कि हिन्दू मंदिरों और गुरुद्वारों को निशाना बनाते हैं।
अभी एक ताजा मामला सिखों के धार्मिक स्थल ननकाना साहिब में सामने आया है। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और सिख नेता मस्तान सिंह और उनके परिवार पर ननकाना साहिब में घातक हमला हुआ है। जिसमें उनके दो बेटों के गंभीर रूप से घायल होने की बात सामने आई है। यह हमला 19 अप्रैल की रात की बताई जा रही है।
मस्तान सिंह के बेटे दिलावर सिंह के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में नारे लगाए जा रहे हैं। आजादी आजादी आजादी यहाँ सिखों के लिए कोई आजादी नहीं, कोई सुरक्षा नहीं, अल्पसंख्यकों को कोई सुरक्षा नहीं जिसके लिए पाकिस्तान में हर दिन सिख-हिंदू परिवारों पर जानलेवा हमले हो रहे हैं।
उनके बेटों दिलावर सिंह और पल्ला सिंह को बेरहमी से पीटा गया है। ननकाना साहिब पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई है, वह ननकाना साहिब के सरकारी अस्पताल में जीवन-मौत की लड़ाई से गुजर रहे हैं।”