सुरक्षा के लिहाज से भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय बार्डर अति संवेदनशील है। खुफिया एजेंसियों ने 10 साल के भीतर नेपाल बार्डर पर बने 250 से अधिक मदरसों का पिछले साल सत्यापन कराया तो पता चला कि अधिकांश मदरसे बाहरी लोगों की मदद से बने हैं। इसको लेकर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी करने के साथ ही चिंता भी जताई थी, क्योंकि बार्डर पर बने कई मदरसों में आपराधिक और देश विरोधी गतिविधियों को हवा दी जा रही है।
आइएसआइएस के संपर्क में रहे गोरखपुर के मुर्तजा अब्बासी के भी नेपाल बार्डर के मदरसों से जुुड़ने का प्रमाण मिला है। पुलिस सूत्रों की माने तो वह जब भी मदरसे में जाता था वहां पढ़ने वाले छात्रो को जेहाद के लिए प्रेरित करता था। गोरखनाथ मंदिर में हुई घटना के बाद से खुफिया एजेंसियों के साथ ही एटीएस की टीम नेपाल बार्डर के मदरसों में चल रही गतिविधि को लेकर सक्रिय हो गई हैं।
गोरखनाथ मंदिर गेट पर हमला करने से पहले मुर्तजा अब्बासी के नेपाल के मदरसे से लौटने की घटना ने एक बार फिर इस तथ्य की पुष्टि कर दी है कि बार्डर पर तेजी से बढ़ रहे मदरसे जेहादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसको लेकर चिंतित खुफिया एजेंसियों ने दो साल के भीतर बार्डर पर बने नए मदरसों की सूची बनाकर निगरानी तेज कर दी है। घटना से एक दिन पहले ही मुर्तजा की तलाश में उसके घर गई एटीएस टीम इसी का निगरानी का हिस्सा थी।
मुर्तजा को बुधवार को पूछताछ के लिए आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के लखनऊ मुख्यालय लाया गया। अब्बासी सोमवार से सात दिन की पुलिस हिरासत में है. मुर्तजा से उसकी गतिविधियों और हमले से पहले जिन लोगों से वह मिला, उनके बारे में पूछताछ की जा रही है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, "हम इस घटना से जुड़े हर पहलू का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। गिरफ्तार किया गया व्यक्ति किन लोगों या संगठनों से जुड़े हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है।"